Purnea Tanishq Showroom Lootcase

तनिष्क लूटकांड : बेऊर जेल से मास्टरमाइंड सुबोध ने रची थी साजिश, बिहार पुलिस ने किया पर्दाफाश

पटना। पूर्णिया के तनिष्क शोरूम में हुई 3 करोड़ 70 लाख की डायमंड लूट मामले में बिहार पुलिस ने चार लाइनर को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर दिया है। सबों ने लूट में शामिल मुख्य साजिशकर्ता और लूटकांड को अंजाम तक पहुंचाने वाले मास्टरमाइंड सुबोध सिंह की कुंडली भी बता दी। एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि लूट की साजिश पटना के बेऊर जेल से रची गई थी।

पूर्णिया के तनिष्क शोरूम में लूट का प्लान वारदात से 2 महीने पहले बेऊर जेल में बंद सुबोध सिंह ने अपने दूसरे साथियों और जिले के कुख्यात बिट्टू सिंह के साथ मिलकर तैयार की थी। मामले का खुलासा पुलिस और STF के हत्थे चढ़े बदमाशों ने किया है। बिहार पुलिस ने इनके पास से दो देसी कट्टा, घटना में इस्तेमाल बाइक और 4 मोबाइल भी बरामद किए हैं। वारदात में शामिल बदमाश खाने या फिर ठहरने के लिए किसी भी ऐसी लोकेशन पर नहीं रुकते थे, जहां सीसीटीवी लगा हो।

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तनिष्क में चल रहे फेस्टिवल ऑफ डायमंड के तहत शोरूम में लगाए गए डायमंड नैकलेस के ऐग्जीबिशन को उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए परफैक्ट वक्त माना है। लोकल लाइनर की हेल्प से वो यह भी पता लगा चुके थे कि शोरूम खुलने के ठीक बाद वो अगर लूट की वारदात को अंजाम देते हैं, तो ना ही शोरूम के बाहर और ना ही आसपास के थाना क्षेत्रों में पुलिस का पहरा होगा। जब तक पुलिस की नाकाबंदी होगी, तब तक वो जिले की सीमा से निकलकर सेफ जोन में पहुंच चुके होंगे। प्लान के मुताबिक ही सब कुछ हुआ और बेहद आसानी से पुलिस थाने और चौकी को पार कर गए।

पुलिस की गिरफ्त में आए लाइनर अररिया और मुजफ्फरपुर के हैं। लाइनर्स से हुई अब तक की पूछताछ में एक लाइनर का लोकल कनेक्शन भी सामने आया है। इसी लोकल लाइनर की मदद से बदमाशों ने तनिष्क शोरूम की रेकी की थी। वो सप्ताह भर से कस्टमर बनकर शोरूम के अंदर और बाहर, शोरूम खुलने के बाद और शाम में जुटने वाले लोगों की भीड़ का माहौल भांप चुके थे।

लूट के दौरान पहने गए कपड़े के जले हुए अवशेष, जूते और खून से सने चप्पल के बाद पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई दो बाइक और एक मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है। लाइनर से मिले अहम इनपुट के बाद पुलिस और STF बदमाशों के काफी नजदीक पहुंच गई है। लूटकांड को अंजाम तक पहुंचाने वाले इस प्रोफेशनल गिरोह के अधिकांश बदमाश बंगाल के हैं। हालांकि, इनमें से कुछ बिहार के हैं।

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एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि इन बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए 10 टीम काम कर रही है। इनमें पूर्णिया पुलिस की 5 और STF की 5 टीम शामिल है। टीम बिहार के मुजफ्फरपुर, पश्चिम बंगाल के मालदा, झारखंड के साहिबगंज में फायर रेड कर रही है। लूटकांड की वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी पहले मालदा और फिर वहां से प्लान में बदलाव करते हुए नेपाल भाग निकले। अपराधी जानते थे कि अगर वो नेपाल भागते हैं तो पुलिस की परेशानी बढ़ जाएगी। पुलिस और STF के अधिकारी लूट की वारदात में शामिल बदमाशों को दबोचने के लिए झारखंड और बंगाल राज्यों की पुलिस के अलावा नेपाल पुलिस की भी मदद ले रही है, लेकिन अब भी वारदात में शामिल सातों बदमाश पुलिस की पकड़ से दूर चल रहे हैं।

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कौन है प्लानिंग का मास्टरमाइंड सुबोध सिंह?

5 राज्यों में सोना लूट को अंजाम देने वाली गैंग का मास्टरमाइंड सुबोध सिंह 7 साल से पटना के बेऊर जेल में बंद है। जेल में उसे सब बबुआ जी कहते हैं। सुबोध क्रिकेट का शौकीन है। जेल में होने वाले क्रिकेट में जीत या हार के बाद इनाम बांटना सुबोध की आदत है। सुबोध बैटिंग बहुत अच्छी करता है। क्रिकेट मैच देखने के दौरान डिस्टरबेंस उसे पसंद नहीं। देश दुनिया में हो रहे क्रिकेट मैच, IPL, T-20 की सारी जानकारी से वह अपडेट रहता है। पटना के बेऊर जेल में हर साल एक मैत्री क्रिकेट मैच का आयोजन होता है। इस मैच में 2 टीम खेलती हैं। एक टीम में 12 कैदी रहते हैं और दूसरे टीम में 12 पुलिस वाले। कभी-कभी जेलर भी इस मैच में हिस्सा लेते हैं।

जेल में हुई दोस्ती, लॉज में ठहरे थे बदमाश


बिट्टू सिंह की जेल में सुबोध सिंह के साथ दोस्ती हुई थी। इसके बाद तनिष्क शोरूम में लूट की साजिश रची गई। हालांकि इसमें स्थानीय अपराधियों को शामिल नहीं किया गया था। पूर्णिया के लाइन बाजार में एक क्लीनिक चलाने वाला राहुल कुमार अपराधियों को गाइड कर रहा था। बिट्टू सिंह, अभिमन्यु सिंह और चुनमुन झा के ठिकानों पर बाहर से आए बदमाशों को ठहराया गया था। इसके अलावा बदमाशों को अररिया के एक लॉज में भी रखा गया था। एक सप्ताह पहले ही लुटेरों ने शोरूम की रेकी की थी। इसके बाद वे शहर में ही रहे। बदमाशों ने कई शॉपिंग मॉल्स से कपडे़ भी खरीदे थे। वारदात के दौरान सिर्फ चुनमुन झा ने मास्क लगा रखा था। जबकि अन्य बिना मास्क थे। वारदात के बाद सभी पश्चिम बंगाल के मालदा में छिप गए थे।


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