पटना से नेपाल की दूरी होगी बेहद कम, देश का सबसे लंबा केबल स्टेयड पुल 2023 में बन जाएगा

पटना: बिहार और नेपाल का सफर अब बेहद आसान होने वाला है। राजधानी पटना के कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच बन रहा छह लेन पुल 2023 के जून में तैयार हो जाएगा। केबल पर टिका हुआ यह देश का सबसे लंबा पुल होगा। राजधानी पटना में यह पुल एनएच-30 को जोड़ेगा। बिदुपुर में आगे बढ़कर यह पुल हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क में मिलेगा। बिहार और नेपाल को जोड़ने वाली सड़क में भी यह पुल जुड़ेगा। इससे पटना से नेपाल की दूरी कम हो जाएगी। पथ निर्माध मंत्री नितिन नवीन ने गुरुवार को इसके निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और बिहार स्टेट रोड डेवलमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक संजय कुमार भी निरीक्षण के दौरान थे। मंत्री ने पुल के निर्माण की गति को संतोषजनक बताया। नितिन नवीन ने कहा कि जून 2023 में यह पुल तैयार हो जाएगा। यह भी कहा कि सरकार की यह बेहद महत्वाकांक्षी योजना है। मंत्री ने बताया कि 35 साल के बाद भारत में पुलों के क्षतिग्रस्त होने का मामना सामने आता है। वहीं, अमेरिका में 55 साल और चीन में यह 24 साल ही है। ऐसे में पुलों के रख-रखाव के लिए विशेष नीति होनी चाहिए। ताकि आर्थिक संसाधन की बचत हो।

20 किलोमीटर लंबा है पुल
कच्ची दरबार से बिदुपुर के बीच बन रहा छह लेन पुल 20 किलोमीटर लंबा है। इसे एलिवेटेड सड़क के रूप में बनाया जा रहा है। पुल को एनएच-30 से जोड़ा जाएगा। पुल का डिजाइन कोरियाई कंपनी ने तैयार किया है। जबकि इसका निर्माण देबू और एलएनटी कंपनी मिलकर कर रही है। पुल का निर्माण कार्य फिलहाल राज्य सरकार के पैसों से हो रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार से पैसे नहीं मिल रहे हैं। इस योजना के लिए 5 हजार करोड़ खर्च होने हैं। एशियन डेवलमेंट बैंक से कर्ज के रूप में तीन हजार करोड़ रुपए मिलेंगे।

इस पुल के चालू होते गांधी सेतु पर दबाव होगा कम
इस पुल के चालू हो जाने के बाद गांधी सेतु पुल पर काफी दबाव कम हो जाएगा। उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़न के लिए यह नई राह बन जाएगी। इसका निर्माण पूरा होते ही महात्मा गांधी सेतु पर सिर्फ छोटे वाहनों का परिचालन किया जाएगा। वैशाली में एनएच-103 पर चकसिकंदर में यह पुल खत्म होना है। पश्चिम से आने वाले लोग पटना-बक्सर फोरलेन से खेमनीचक होते हुए इस पुल से उत्तर बिहार आना-जाना कर सकेंगे। गांधी सेतु से 10 किलोमीटर पूरब स्थित इस पुल के बनने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक और लाइफलाइन मिल जाएगा। सोनपुर, समस्तीपुर, हाजीपुर समेत उत्तर बिहार के अन्य शहर और दक्षिण बिहार के शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी।

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