पटना : बिहार में हर शिक्षक बहाली में बड़ा घपला होता है। फिर विभाग की नींद खुलती है तो चौंकाने वाले मामले सामने आते हैं। कुछ महीने पहले शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों से नियोजन से जुड़ा फोल्डर वेबसाइड पर अपलोड करने के लिए कहा था। इससे एक मामला उजागर हुआ। इमसें पता चला कि एक नियोजित शिक्षक अपनी पत्नी से 20 साल छोटा है। एक नियोजित शिक्षका अपनी बेटी से महज 6 महीने बड़ी है। इनके अलावा मुखिया की साली और पंचायत सचिव की बेटी शिक्षक बनी हुई है।
बेगूसराय में नियोजन में हुई धांधली की खुल रही पोल
बेगूसराय में शिक्षक नियोजन की धांधली सामने आने लगी है। 31 मई तक 2006 से 2015 के बीच हुई नियुक्ति वाले सभी शिक्षकों को अपने शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड करना है। बेगूसराय जिले में 1762 शिक्षक हैं, जिनका फोल्डर अब तक जमा नहीं हुआ है। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने सभी डीईओ और डीपीओ को पत्र भेजा है। धबौली पंचायत के शिक्षक अपीलीय प्राधिकार से केस हारने के बाद भी वेतन उठा रहे हैं। इनकी नियुक्ति 2006-2015 के बीच हुई थी।