ट्विटर का नया पैंतरा, नियमों के पालन में कोरोना को बताया अड़चन

New Delhi: सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने भारत सरकार के नियमों के पालन किए जाने को लेकर अब तक अपनी सहमति नहीं जताई है। सरकार द्वारा दी गई डेडलाइन समाप्त हो चुकी है। इसी बीच ट्वविटर ने भारत के उप राष्ट्रपति, संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत कई हस्तियों के प्रोफाइल से ब्लू टिक हटा दिया था। काफी बवाल मचने के बाद ट्वविटर ने बचाव में कहा था कि तकनीकी खामियों की वजह से ऐसा हुआ। अब ट्वविटर ने नया पैंतरा दिखाया है। कंपनी ने कोरोना को बहाना बनाकर इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से आईटी नियमों के पालन को लेकर और समय मांगा है। ट्वविटर ने मंत्रालय को पत्र लिखकर मोहलत मांगी है। उसने कहा कि वह नियमों का पालन करना चाहती है, लेकिन कोरोना के कारण ऐसा नहीं कर पा रही। पिछले सप्ताह ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा था कि उनकी कंपनी भारत के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। कंपनी के प्रवक्ता ने केंद्र सरकार को आश्वस्त किया था कि वह कानून के पालन को लेकर गंभीर है। केंद्र सरकार से सकारात्मक बातचीत की बात कही थी।

भारत में एक दशक से ज्यादा समय से ट्वविटर एक्टिव
केंद्र सरकार ने ट्विटर को वार्निंग देते हुए कहा था वह कंपनी भारत में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से सक्रिय है। फिर भी वह भारतीय कानूनों को मानने से कतरा रही है। अगर, वह नियमों को मानती है तो भारतीयों को ट्वटिर पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी होने में मदद मिलेगी। केंद्रीय सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को 26 मई को भेजे गए पत्र में कहा था कि एक हफ्ते का समय कंपनी को दिया जा रहा है। यह अंतिम नोटिस है, जिसके जरिए उन्हें नियमों के पालन को मौका दे रहे हैं। कंपनी को तत्काल नियम का पालन करना है, नहीं तो उसे भारत सरकार से जो छूट मिली है वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही सरकार उस कंपनी पर कार्रवाई करेगी।

26 मई तक नियमों के पालन का था अंतिम समय
भारत सरकार की नई गाइडलाइन का पालन नहीं करने के लिए सभी सोशल साइट को 26 मई तक समय दिया गया था। ट्विटर के भारतीय वर्जन कू (KOO) ने सबसे पहले केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन किया है। दरअसल, इस साल फरवरी में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को तीन महीने का समय दिया था। वह समय 26 मई को समाप्त हो रहा है। उधर, यूएस आधारित कंपनियों ने इसके लिए छह महीने का समय मांगा था। वे अमेरिकी मुख्यालय से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।

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