पटना। सोना लूटने वाले कुख्यातों के नेक्सस को तोड़ने के लिए बिहार STF की टीम ने ठोस रणनीति बनाई है। 3000 नक्सलियों के अलावा 4000 जिले के कुख्यात अपराधियों का डोजियर STF ने तैयार कराई है। बिहार में दो बड़ी लूटकांड को लेकर पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने बताया कि इन अपराधों में ऐसे युवा शामिल हैं, जो बड़े अपराधियों से प्रेरित हैं और उन्हें अपना आयडल मान रहे हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन मंगलवार को बताया कि आरा के तनिष्क शोरूम और दानापुर के तनिष्क शोरुम में ऐसे ही युवाओं की संलिप्ता सामने आई है। सोना लूटने वाले कुख्यातों के नेक्सस को तोड़ने के लिए बिहार STF की टीम ने ठोस रणनीति बनाई है। 3000 नक्सलियों के अलावा 4000 जिले के कुख्यात अपराधियों का डोजियर STF ने तैयार कराई है। उन्होंने बिहार में हाई सिक्योरिटी जेल की जरूरत होने की भी बात कही। इसके लिए केंद्र सरकार को 2 लोकेशन भी भेजा गया है।
ADG मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने केंद्र सरकार से कुख्यात, नक्सलियों और कट्टरपंथियों के लिए हाई सिक्योरिटी जेल बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुनसान जगह पर हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। दो लोकेशन बिहार में चिह्नित की गई है। जहां ऐसे कट्टरपंथी, कुख्यात को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि वैशाली और भोजपुर जिले ऐसे है, जहां के युवक इस तरह के क्राइम में शामिल होने के मामले सामने आए है। जिससे लगता है कि यहां के युवा पढ़ाई लिखाई छोड़कर अपराध की दुनिया में आ रहे हैं। ऐसे लोगों की जिलावार सूची बनाई जा रही है।
ADG मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने इस इलाके के युवाओं के परिजन से अपने बच्चों पर विशेष नजर रखने की अपील की है। ADG ने कहा कि सबसे अधिक इस जिले के युवा अपराध के क्षेत्र में आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। खासकर अपराध की दुनिया में आने से इनके माता-पिता को परेशानी होती है। इसलिए अपने बच्चों की गतिविधियों पर निगरानी रखें।
बिहार पुलिस के मुख्यालय में एडीजी हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि बिहार के विभिन्न जिलों ( पूर्णिया और आरा में तनिष्क शोरूम में) में जो सोने-चांदी और हीरे की लूट हुई है, उसकी साजिश पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल से रची गई थी। इस मामले में अब तक 15 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं एक अपराधी पुलिस एनकाउंटर के दौरान अररिया में मारा गया था। एडीजी ने बताया कि पुरुलिया जेल में रहते हुए शेरू और चंदन नाम के अपराधी अपने गुर्गों के माध्यम से लूट की वारदातों को अंजाम दिला रहे थे। यह दोनों अब पुलिस के गिरफ्त में हैं। यह लोग विशेष रूप से, सारण और वैशाली जिलों के युवाओं को गैंग में शामिल कर बड़ी वारदातों को अंजाम दिला रहे थे। इतना ही नहीं इनके तार हरियाणा और जम्मू कश्मीर तक से जुड़े थे। वारदात को अंजाम देने के बाद यह लोग इन राज्यों में शरण लेते थे।
एडीजी हेडक्वार्टर ने बताया कि पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में इनके पास से मोबाइल, ब्लूटूथ डिवाइस और कई सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पूछताछ के दौरान जेल में बंद इन अपराधियों ने अपनी कई आपराधिक गतिविधियों को स्वीकार किया। इसमें छपरा में एक बड़े ज्वेलरी शोरूम को लूटने की योजना भी शामिल थी, जिसे बिहार पुलिस ने विफल कर दिया। एडीजी कुंदन कृष्णन ने इन अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने उन सभी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के लिए एक अलग जेल बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजने की बात कही, ताकि वह नए अपराधियों को अपने सागिर्द ना बना सकें।