यूपी की युवती को दुनिया की सबसे दुर्लभ बीमारी, 37 साल पहले अमेरिका में मिला था पहला मरीज

पटना : उत्तरप्रदेश की एक युवती को दुनिया की सबसे दुर्लभ बीमारी है। इससे पहले अमेरिका में इस बीमारी का एक मरीज मिला है। अब दूसरी मरीज हरदोई जिले की युवती है। इसे हार्मोन और खून संबंधित राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन जनित एप्लास्टिक एनीमिया बीमारी है। लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के दौरान युवती में इस बीमारी की जानकारी हुई। केजीएमयू हिमैटोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का दावा है कि इस बीमारी का पहला मरीज 37 साल पहले अमेरिका के डॉ. पीटर नावेल ने बताई थी। डॉक्टरों ने बताया कि यह नई बीमारी नहीं है, लेकिन जेनेटिक बीमारी राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन से एप्लास्टिक एनीमिया हुआ। यह केस स्टडी जनरल ऑफ क्लीनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।

जीनोम और क्रोमोसोम जांच से हुई जानकारी
युवती की उम्र 17 साल है। यह अचानक कमजोर होने लगी। स्थिति ऐसी हो गई कि चल-फिर नहीं पा रही थी। स्थानीय डॉक्टर से इलाज असर नहीं किया तो परिजन 2019 के दिसंबर में युवती को केजीएमयू ले आए। यहां हिमैटोलॉजी विभाग के सीनियर डॉक्टर भूपेंद्र सिंह ने युवती के खून से जुड़ी जांच करवाई। जांच में एप्लास्टिक एनीमिया की पुष्टि हुई। डॉक्टर के अनुसार राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन के कारण हार्मोन संबंधित बीमारियां होती हैं। इससे सेक्सुअल ग्रोथ प्रभावित होती है। इस बीमारी में मरीज बौनेपन का भी शिकार होता है। डॉक्टर के मुताबिक एप्लास्टिक एनीमिया में बोन मैरों की कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं। इससे शरीर में खून, प्लेटलेट्स और श्वेत रक्त कणिकाओं की कमी हो जाती है। इसकी वजह से मरीज में कमजोरी, बार-बार संक्रमण और रक्तस्त्राव की समस्ती पैदा होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *