एक्शन में योगी सरकार : दाउद के 20 करोड़ की अवैध बिल्डिंग पर चला बुल्डोजर

पटना : उत्तरप्रदेश सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। अब रविवार को बसपा के पूर्व सांसद के 20 करोड़ की अवैध बिल्डिंग को तोड़ दिया गया। केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में पूर्व सांसद ने बहुमंजिली इमारत बनवाई थी। इसको लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने तीन जुलाई को उसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था। रविवार की सुबह प्रशासन की टीम पहुंची और इमारत को खड़ी पाकर उस पर बोल्डर चलवाई। दोपहर तक इमारत का एक बड़ा हिस्सा गिरा दिया गया। दरअसल, बसपा के पूर्व सांसद दाउद अहमद ने रिवर कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में हाफिज डेयरी के सामने अवैध रूप से 6 मंजिला अपार्टमेंट बनाया था। इसके निर्माण के दौरान ही पुरातत्व विभाग ने रोकने का काफी प्रयास किया था। एलडीए, लखनऊ के डीएम और कमिश्नर समेत तमाम अधिकारियों को पत्र लिखा गया था। तब किसी ने संज्ञान नहीं लिया था और इमारत पूरी बना ली गई थी। अब तीन जुलाई को पुरात्तव विभाग के संयुक्त महानिदेशक ने इस 6 मंजिले इमारत को ध्वस्त करने का आदेश दिया। इसमें एलडीए की भी मदद ली गई।

डीएम को 15 दिनों में इमारत ध्वस्त करने का था आदेश
केंद्र सरकार के संयुक्त महानिदेशक ने तीन जुलाई को इस 6 मंजिले इमारत को ध्वस्त करने का आदेश डीएम को दिया है। लखनऊ के डीएम को आदेश में कहा कि किसी हालत में 15 दिनों में यह इमारत ध्वस्त होनी चाहिए। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और कार्रवाई शुरू किया। बता दें पुरातत्व विभाग ने बिल्डिंग का निर्माण रुकवाने के लिए 2018 से नोटिस जारी कर रहा था। एलडीए को भी काम रुकवाने का पत्र लिखा था। विभाग ने पहला नोटिस 12 अक्टूबर 2018 को दिया था। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 24 जून 2021 को दाउद अहमद को नोटिस भेजा। सात दिनों में जवाब मांगा था।

एलडीए ने दे रखी थी छूट
बसपा सांसद दाउद को बिल्डिंग बनाने की छूट एलडीए ने दे रखी थी। दाउद अहमद ने बिल्डिंग का नक्शा एकल आवासीय पास कराया था और बना लिया 6 मंजिला अपार्टमेंट। लगातार शिकायत के बाद भी एलडीए ने बिल्डिंग को सील नहीं किया। बिना पुरात्तव विभाग की एनओसी के नक्शा पास करवा दिया गया।

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