पटना : दुनिया भर में कोरोना वायरस के दुष्परिणाम के एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं। कुछ सकारात्मक पहलू भी आए हैं, लेकिन ताजा उदाहरण दो बिछड़ी बहनों का है। जो 50 साल पहले महज 6 महीने की उम्र में एक-दूसरे से बिछड़ गईं थीं। दोनों की मुलाकात अस्पताल में हुई। वार्ड में बातचीत शुरू हुई तो पिता के नाम तक चर्चा हुई। इसके बाद दोनों बहनों ने एक-दूसरे को पिता के नाम से जाना। इन बहनों का नाम है- डोरिस क्रिप्पन और बेव बोरो। डोरिस अपनी छोटी बहन बेव बोरो से 50 साल बाद मिली हैं। बेव फ्रेमोंट में मेथोडिस्ट हेल्थ के डंकलाऊ गार्डन में काम करती हैं। डोरिस का हाथ टूटा था तो वहीं भर्ती हुई थीं। कोरोना के कारण डोरिस को स्पेशल वार्ड में रखा गया था। यहीं छोटी बहन बेव से मुलाकात हुई। एक इंटरव्यू में बेव ने बताया कि 1967 में जब उनके पिता उन्हें अकेला छोड़कर चले गए थे, तब वह भी चली गई थीं। तब उनकी उम्र छह महीने थे। डोरिस क्रिप्पन ने कहा कि जब उनकी बहन घर से गई थी, तब वह काफी छोटी थी। उन्हें लगा था कि वो दोबारा अपनी बहन से नहीं मिल पाएंगी।
छोटी बहन सुन नहीं पाती तो व्हाइट बोर्ड के जरिए हुई बात
डोरिस क्रिप्पन की बहन बेव बोरो सुन नहीं पाती हैं। अस्पताल में डोरिस की अपनी छोटी बहन से व्हाइट बोर्ड के जरिए हुई थी। पिता के नाम से जब एक-दूसरे को पहचानी तो इनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और दोनों एक-दूसरे को गले लगा लिया। क्रिटेन ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होना उनके लिए वरदान साबित हुआ। कोरोना के कारण मुझे अलग वार्ड में रखा गया और मैं बहन से मिल पाई। दोनों बहनों ने कोरोना को शुक्रिया कहा।