हाईलाइट्स
– कोशी प्रमंडल के सभी नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ मंत्री ने की समीक्षात्मक बैठक
– उप मुख्यमंत्री-सह-नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद बोले- नगर निकायों की बेहतर साफ-सफाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
– कोशी प्रमंडल के नगर निकायों की योजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा के दौरान मंत्री ने दिए कई अहम निर्देश
पटना। उप मुख्यमंत्री-सह-नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पटना अधिवेशन भवन में बुधवार को कोशी प्रमंडल के नगर निकायों की योजनाओं और कार्यों की समीक्षात्मक बैठक की। कोशी प्रमंडल के सभी नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षात्मक बैठक में तारकिशोर प्रसाद ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगर निकायों की बेहतर साफ-सफाई नगर विकास एवं आवास विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नगर निकायों के व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रतिदिन दो बार साफ-सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए और आवासीय क्षेत्रों में भी कम से कम एक बार सफाई की जाए। नगर निकायों में नालों की सफाई साल में तीन बार हो मानसून के पहले, मानसून के दौरान और मानसून के बाद ताकि कहीं भी जलजमाव की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने कहा कि मैं लगातार चौथी बार शहरी क्षेत्र से विधायक हूं। इस कारण शहरों की समस्याओं से भलीभांति वाकिफ हूं। शहरों की समस्याओं के समाधान को ध्यान में रखते हुए प्रमंडलस्तरीय समीक्षा की शुरुआत की गई है। हर प्रमंडल के लिए अलग से विभाग द्वारा नोडल पदाधिकारी, इसलिए नामित किए गए हैं ताकि नगर निकायों की समस्या का समाधान मुख्यालय स्तर से आसानी से हो सके। पहले चरण में पूर्णिया प्रमंडल की समीक्षात्मक बैठक के बाद कोशी प्रमंडल के नगर निकायों के योजनाओं और कार्यों की समीक्षा की गई।
कोशी प्रमंडल की योजनाओं की हुई समीक्षा
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने कहा कि उप मुख्यमंत्री-सह-नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद के निर्देश के आलोक में आज कोषी प्रमंडल की समीक्षात्मक बैठक की गई है, जिसका उद्देश्य है कि सभी नगर निकायों की यथास्थिति समझकर उसका त्वरित समाधान किया जाए। बैठक में प्रमंडल के सभी सात नगर निकायों के नल-जल योजना, नली-गली योजना, जल-जीवन-हरियाली, एएमआरयू, एनयूएलएम, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन को लेकर विभाग द्वारा प्रेजेंटेशन भी पेश किया गया।
सांसद और विधायक ने भी दिए सुझााव
बैठक में खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर, सहरसा के विधायक आलोक रंजन ने भी अपने सुझाव दिए, जिस पर विभाग आगामी दिनों में क्रियान्वयन करेगा। सांसद और विधायक ने कहा कि उनके पिछले कई वर्षों के जनप्रतिनिधित्व कार्यकाल में पहली बार नगर निकायों की समस्याओं के बारे में ध्यानाकर्षण करने का मौका मिला है। इसके लिए उन्होंने उप मुख्यमंत्री-सह-नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। बैठक में कोशी प्रमंडल के नगर निकायों के मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद ने भी अपने सुझाव और विकास कार्यों में आ रही समस्याओं का जिक्र किया। संबंधित निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों से भी विकास योजनाओं एवं विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी ली गई।
समीक्षात्मक बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले
– राज्य के सभी नगर निकायों में तीन माह के अंदर सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाए। इसे लेकर सभी नगर निकायों को कार्य योजना बनाकर क्रियान्वित करने का निर्देश दिया गया।
– सभी नगर निकायों में ESSLके माध्यम से स्ट्रीट लाइटिंग के काम की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री-सह-नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में शीघ्र बैठक आयोजित की जाएगी।
– सुपौल में एसटीपी बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है। नगर निकाय को इससे संबंधित भूमि के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र अविलंब प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया, ताकि इसकी स्वीकति भारत सरकार से प्राप्त की जा सके।
– नगर निकायों में विभिन्न विभागों से एनओसी प्राप्त करने की दिशा में आ रही परेशानियों को हल करने के लिए उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री की अध्यक्षता में संबंधित विभागों यथा कृषि, पंचायती राज, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण आदि विभागों के साथ बैठक आहूत कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
-राज्य में जहां-जहां सम्राट अशोक भवन के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हैं, वहां उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराने के लिए संबंधित जिला पदाधिकारी को निर्देशित किया जाए।
-राज्य के नगर निकायों में ऑटो स्टैंड के लिए भूमि चिह्नित कर यथा आवश्यक ऑटो स्टैंड के निर्माण के लिए भी कार्रवाई की जाए।
-नगर निकायों के सभी पार्कों के रख-रखाव का जिम्मा वन विभाग को सौंपने की कार्रवाई की जाए।
-राज्य के सभी नगर निकायों में नगर विकास एवं आवास विभाग की योजनाओं की जानकारी देने हेतु होर्डिंग लगाए जाएंगे।
– सभी नगर निकायों में उपलब्ध सरकारी जमीन की विस्तत विवरणी खाता खेसरा संख्या सहित समुचित संधारण करते हुए उसको कंप्यूटराइज्ड कराया जाए तथा उसका मास्टर डाटा बेस तैयार किया जाए, ताकि सरकारी योजनाओं के लिए भूमि खोजने में सुविधा हो।