पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में अरवल सीट पर बड़ा खेल हुआ है। इसका खुलासा अब हो रहा है। पटना हाईकोर्ट में दायिका याचिका की सुनवाई के बाद अरवल से जीते माले विधायक समेत 25 प्रत्याशियों की मुसीबत बढ़ गई है। इसके अलावा रिटर्निंग ऑफिस पर भी गाज गिर सकती है। दरअसल, इन सबको पटना हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि इनका नामांकन क्यों नहीं रद्द किया जाए? गौरतलब है कि चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी दीपक शर्मा ने अपने आपराधिक मामलों को शपथ पत्र में छिपा लिया था। जो निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन है। इतना ही नहीं याचिका दायर करने वाले शख्स ने इस बात की जानकारी तब ही रिटर्निंग ऑफिस और चुनाव आयोग को दी थी, लेकिन तब दीपक सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि वह चुनाव हार चुके हैं। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले रहबर आबदीन ने याचिका में कहा कि दीपक शर्मा पर धोखाधड़ी समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं। अलग-अलग थानों में करीब 6 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। जबकि इस प्रत्याशी ने अपने शपथ पत्र में चार मामलों की जानकारी दी थी। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपील की है कि पूरे चुनाव को ही रद्द किया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
माले विधायक महानंद सिंह की बढ़ी मुश्किल
अरवल सीट से माले विधायक महानंद सिंह जीते हुए हैं। अब पटना हाईकोर्ट से चुनाव परिणाम रद्द किए जाने के संबंध में स्पष्टकरण मांगे जाने से इनकी चिंता बढ़ गई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि बीजेपी प्रत्याशी दीपक शर्मा का नामांकन रद्द किए बिना चुनाव कराया गया और फिर रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया। ऐसे में पूरे चुनाव को रद्द किया जाए, इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने भी माले विधायक महानंद सिंह समेत 25 लोगों को नोटिस जारी कर पूछा है कि चुनाव क्यों नहीं रद्द किया जाए?
बीजेपी प्रत्याशी रहे दीपक पर हैं ये मुकदमे
याचिकाकर्ता ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि दीपक शर्मा के खिलाफ पटना के बुद्धा कॉलोनी में 503/2018 में धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। पटना के ही श्रीकृष्णपुरी थाने में 205/18 और 11/2019 केस दर्ज है। बुद्धा कॉलोनी थाने में 447/2018 भी मुकदमा दर्ज है। इन मुकदमों की जानकारी दीपक ने अपने शपथ पत्र में छिपाई है।
नरकटिया विधायक का भी हाईकोर्ट में, आपराधिक रिकॉर्ड छिपाया था
पटना हाईकोर्ट ने राजद विधायक को नोटिस जारी किया है। पूर्वी चंपारण के नरकटिया विधायक मो. शमीम अहमद ने चुनाव के शपथ पत्र में अपना आपराधिक रिकॉर्ड छिपाया है। इसको लेकर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। बता दें जदयू के उम्मीदवार श्याम बिहार प्रसाद ने हाईकोर्ट में उनके खिलाफ याचिका दायर की थी। श्याम बिहार ने याचिका दायर कर मो. शमीम की विधायिकी रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा कि मो. शमीम ने चुनाव के दौरान जो शपथ पत्र भरे हैं, उसमें अपने खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों का उल्लेख नहीं किया है। मो. शमीम ने शपथ पत्र में बताया था कि उनके खिलाफ सिर्फ दो मामले हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने इसकी जानकारी भी अखबारों में विज्ञापन निकालकर दी थी।, लेकिन अखबार के विज्ञापन में चार मामलों का उल्लेख किया गया था।
पटना हाईकोर्ट में मामले की 10 मार्च को हुई थी सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में जदयू उम्मीदवार श्याम बिहार प्रसाद की याचिका पर 10 मार्च को सुनवाई थी। हाईकोर्ट में श्याम बिहार के वकील ने मामले को गंभीर बताते हुए विधायक मो. शमीम अहमद का निर्वाचन रद्द किए जाने की मांग की। जस्टिस प्रभात कुमार झा की खंडपीठ ने पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई को स्वीकृत किया और विधायक मो. शमीम से जवाब मांगा है। इस केस की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। बता दें दिसंबर में बीजेपी ने चुनाव आयोग से मो. शमीम की विधायिकी को रद्द करने की मांग की थी।