पटना : लॉकडाउन की पाबंदियां हटने के बाद जुलाई में कारों की जबर्दस्त बिक्री हुई है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने जुलाई में पिछले साल से 50.33 प्रतिशत ज्यादा गाड़ियां बेचीं। मारुति सुजुकी ने जुलाई में 1 लाख 62 हजार 462 कारें बेचीं हैं। इनमें एक लाख 36 हजार 500 गाड़ियां भारत में बेची गईं। 21224 गाड़ियां एक्सपोर्ट की गईं। जबकि 2020 के जुलाई में कंपनी ने 1 लाख 8 हजार 64 कारें बेचीं थीं। इसी तरह टाटा मोटर्स की भी बिक्री पिछले साल के मुकाबले 19 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं, होंडा ने कारों की डोमेस्टिक सेल्स में 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है।
मारुति की 4738 गाड़ियां ओईएम थी
मारुति सुजुकी की 4738 गाड़ियां ओरिजन इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) की थी। ओईएम का मतलब है कि मारुति की बनाई कारों को दूसरी कंपनी की ब्रांडिंग करके बेचना। भारत में टोयोटा मारुति की बलेनो को ग्लान्जा और ब्रेजा को अर्बन क्रूजर के नाम से बेचती है। गौरतलब है कि कॉम्पैक्टर सेगमेंट में कंपनी की सबसे ज्यादा वैगन आर, स्विफ्ट, सेरेरियो, इग्निस, बलेनो, डिजायर टूर एस बिक्री हुई है। इस सेगमेंट की 70268 गाड़ियां बिकी हैं। मिनी सेगमेंट में ऑल्टो और एस प्रेसो की 19685 गाड़ियां बिकी हैं। इसी तरह यूटिलिटी व्हीकल्स सेगमेंट में 32272 गाड़ियां बेची गईं। इस सेगमेंट में अर्टिगा, एस-क्रॉस, विटारा ब्रेजा और एक्सएल-6 और जिप्सी शामिल हैं।
टाटा मोटर्स ने 19 प्रतिशत ज्यादा कारें बेचीं
टाटा मोटर्स ने जून महीने के मुकाबले जुलाई में 19 प्रतिशत ज्यादा कारों की बिक्री की है। कंपनी ने 51981 कारें बेचीं हैं। कंपनी के पैसेंजर्स व्हीकल सेगमेंट में जून की तुलना में 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ। कंपनी की ओवरऑल डोमेस्टिक सेल्स 11 प्रतिशत बढ़ा और कंपनी ने जुलाई में 21769 कारें बेचीं। जबकि ओवरऑल कॉमर्शियल व्हीकल सेल्स बढ़कर 23848 पहुंच गया। जून में इसकी संख्या 22100 थी।
होंडा कार ने बनाया रिकॉर्ड
होंडा कार इंडिया लिमिटेड ने जुलाई में घरेलू मार्केट में बिक्री के 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। कंपनी ने 6055 गाड़ियां बेचीं। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में 5383 गाड़ियां बेची थीं। जुलाई में होंडा ने 918 गाड़ियां एक्सपोर्ट भी कीं। वहीं, निसान ने डोमेस्टिक सेल्स में जुलाई में 4259 गाड़ियां बेचीं। पिछले साल जुलाई में 784 गाड़ियां बेचीं थीं। इस जुलाई महीने में कंपनी ने 3897 गाड़ियां एक्सपोर्ट की। पिछले साल कंपनी ने 2375 गाड़ियां एक्सपोर्ट की थीं।