पटना। किसी ने स्वच्छ भारत का दर्शन करवाया, तो किसी ने स्वच्छ हरित व समृद्ध भारत की कल्पना को दर्शाया, किसी ने बापू के सुखी, समृद्ध और संपन्न भारत के दर्शन कागज पर उकेरा। जितनी कम उम्र उतनी बड़ी सोच। जिनके भी हाथ कैनवास पर चला, उन्होंने बापू के सच्चे भारत के सपनो को अपनी सोच में सम्मलित कर रंगो और पेंटिंग ब्रश के माध्यम से दर्शाया।
अनीसाबाद स्थित कुमुदिनी एडुकेशनल कम चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कुमुदिनी शिशु विद्या मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मागाँधी जी की 152वीं जयंती पर राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता मे ट्रस्ट द्वारा संचालित विद्यालय में अध्ययन कर रहे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों ने भी बाद चढ़ कर भाग लिया। प्रतियोगिता तीन वर्गों में विभाजित था। पहले वर्ग में नर्सरी से यूकेजी के बच्चो को रखा गया, दूसरे वर्ग में प्रथम वर्ग से वर्ग 8 वीं तक के बच्चो को रखा गया, वहीँ तीसरे और अंतिम वर्ग में वर्ग 9वीं से वर्ग बारहमी तक के बच्चों को रखा गया।
निर्णायक मंडली में कारपोरेट हस्तियों से लेकर शिक्षाविद, पत्रकार व समाजसेवियों का समन्वयन रखा गया। इनमें बिसौली, उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय के अवकाशप्राप्त प्राचर्य डॉ अखिलेश्वर सिंह, रामनगर उत्तराखण्ड से डॉ संगीता सिंह, मधुबनी बिहार से प्रोफेससर विभा कुमारी, ब्यूरो वेरिटास मुंबई से कंचन सकपाल, वरिष्ठ पत्रकार संजीत नारायण मिश्रा तथा बैंगलोर से अरुण कुमार देवन प्रमुख रहे।
मौके पर ट्रस्ट की अध्यक्षा उषा जी ने कहा की आज के दिन भारत के दो रत्नो महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी आदर्शो का पालन सिर्फ उनके जन्मोत्सव या उनके चित्र पर पुष्पांजलि करके नहीं किया जा सकता, बल्कि उनके आदर्शों को भारत के युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य होना चाहिए। तभी भविष्य का भारत गाँधी कर शास्त्री जी के आदर्शो का भारत होगा।
राजधानी पटना के विभिन्न स्कूलों के अलावा देश के अन्य शहरो के विद्यालयों से लगभग 250 बच्चों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रारंभिक स्क्रीनिंग के पश्चात कुल 18 बच्चों का चयन अंतिम राऊण्ड के लिए किया गया, जिन्हें देश के विभिन्न शहरों से प्रतिष्ठित गणमान्यों की निर्णायक मंडली ने जज किया।
ब्यूरो वेरिटास मुंबई से कंचन सकपाल जी ने बच्चो की प्रतिभा से प्रभावित होकर बच्चो ने अपने कलाकृत्यों से ना केवल गांधीजी के आदर्शों को दर्शाया, बल्कि साथ होइ साथ उन्होंने गाँधी जी के सोच के साथ भविष्य के भारत की आवयश्यकताओं को भी दर्शाय। देश में एकता , समृद्धि , शांति के साथ साथ नागरिको को पर्यावरण सम्बंधित चिंताओं पर भी एक साथ कार्य करने की जरुरत है कुछ ऐसा ही बच्चों ने अपने चित्रकारी से हमे सन्देश दिया।
पत्रकार संजीत नारायण मिश्रा ने बच्चों की प्रतिभा को सराहते हुए कहा कि सही दृष्टिकोण, उचित मार्गदर्शन और समय-समय पर बच्चों को अपने इतिहास के बारे में बतलाते रहने से न केवल हमारा भविष्य सांस्कृतिक रूप से सुदृढ़ होगा, बल्कि महापुरुषों के सपनों का भारत बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर होगा। संजीत मिश्रा ने कहा कि इसके लिए बच्चों की रुचि के माध्यम से यह सोच विकसित करनी होगी। कुमुदिनी ट्रस्ट का प्रयाश इस दिशा में सकारात्मक और असरदार तरीके से आगे बढ़ रहा है।
ग्रुप A में नर्सरी और चार वर्षीय म्यरा जोसफ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, ग्रुप B में चिन्मय विद्यालय चेन्नई की छात्रा बी. दिव्यदर्शिनी ने प्रथम स्थान, लोयला हाई स्कूल पटना के शम्स अली ने दूसरा स्थान तथा L M दद्दा स्कूल, चेन्नई के एस अभिनव और सत जोसफ पटना की श्रेया बसक ने संयुक्त तीसरा स्थान प्राप्त किया। ग्रुप C में सत पॉल्स हाजीपुर से सुरभि श्रेया ने प्रथम, DAV पब्लिक स्कूल, भुवनेश्वर से अध्याशा मिश्रा ने दूसरा तथा बक्सी जगबंधु इंग्लिश मध्यम स्कूल , खोर्धा ओडिशा से आयशा पांडा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। सभी विजेताओं को इ सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। सभी को धन्यवाद ज्ञापन कुमुदिनी शिशु विद्या मंदिर की प्राचार्या अंकिता जी ने दिया।