पटना। बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास को भकचोन्हर कहे जाने को लेकर राज्य में सियासी बवाल शुरू हो गया है। इस शब्द के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। लालू यादव ने 24 अक्टूबर को दिल्ली में भक्त चरण दास को भकचोन्हर कह दिया था, जिसके बाद बिहार सहित पूरे देश की राजनीति गरमा गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब सिर्फ पब्लिक स्टंट है और हम ऐसी बातों को नोटिस नहीं करते। वहीं, वयोवृद्ध नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि भोजपुरी का यह शब्द उतना भी बुरा नहीं, जितना लोग इसे हवा दे रहे हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पटना पहुंचने के बाद अपना पहला सार्वजनिक बयान दिया है। उन्होंने बिहार विधानसभा उपचुाव में आरजेडी के लिए प्रचार करने की घोषणा करते हुए कहा है कि जनता के प्यार के कारण वे लंबे समय बाद बिहार आ सके हैं। भकचोन्हर के बाद लालू ने बिहार कांग्रेस के नेताओं को छुटभैया करार देते हुए यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है। कांग्रेस की उनसे अधिक किसी और ने मदद नहीं की है। लालू के ताजा बयान पर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर साथ और बिहार में गाली देने की राजनीति नहीं चलेगी। दरअसल, रविवार को दिल्ली में बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास को भकचोन्हर कहरकर लालू ने राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया है। लालू ने बिहार में बढ़ती महंगाई को लेकर भी सरकार की खिंचाई की है।
लालू यादव बिहार में कांग्रेस के प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार करते नजर आएंगे, लेकिन उनकी नजर में राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है। पटना आने के पहले दिल्ली में बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास का भकचोन्हर (बेवकूफ) कह बवाल खड़ा कर चुके लालू ने फिर पटना में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को छुटभैया करार दिया है। उन्होंने बिहार में कांग्रेस के नेताओं की औसित पर सवाल उठाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को ही एकमात्र विकल्प बताया है। बिहार आने के बाद लालू का यह पहला राजनीतिक बयान है।
कांग्रेस नेता व विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा है कि कांग्रेस के साथ रहना लालू यादव की प्रतिबद्धता नहीं बल्कि मजबूरी है। राहुल गांधी के नेतृत्व में ही विपक्षी गठबंधन एनडीए का मुकाबला कर सकता है। लालू यादव हो या फिर विपक्षी खेमे में शामिल अन्य राजनीतिक दल, उनकी मजबूरी कांग्रेस के साथ रहना है।
लालू यादव के पुराने मित्र और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भोजपुरी में भकचोन्हर को अपमान वाला शब्द नहीं बताया। उन्होंने कहा कि भकचोन्हर भोजपुरी में गाली नहीं है। शिवानन्द तिवारी ने इसका मतलब तो नहीं बताया लेकिन उन्होंने यह जरूर कह दिया कि भकचोन्हर शब्द को लेकर जिस तरह से बवाल मचाया जा रहा है, यह भोजपुरी का अपमान है। शिवानन्द तिवारी ने अपनी सोशल मीडिया पर भोजपुरी में लिखा कि भोजपुरी के भकचोन्हर शब्द प बवाल भइल बा। अइसन कहल जाता जइसे भकचोन्हर मतारी बहिन के गारी होखे। भोजपुरी भाषी आ भोजपुरी से मोहब्बत करेवाला होखे के नाते हमरा बुझाता कि यह शब्द के अर्थ के अनर्थ कके भोजपुरी के अपमान कइल जा रहल बा। रावा सभ भकचोन्हर के का मानें लगावतानी!
इधर, कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपनी कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रभारी भक्त चरण दास के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि उनके इस बयान से दलित समुदाय के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि लालू यादव की टिप्पणी एससी-एसटी अधिनियम के तहत अपराध के रूप में योग्य है। उन्होंने कहा, एक सम्मानित नेता ने बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, बिहार और देश के दलित समुदाय के व्यक्तियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई है और एससी-एसटी अधिनियम के तहत अपराध के रूप में योग्य है।