पटना : सहरसा मंडलकारा में कैद पूर्व सांसद आनंद मोहन ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर सरकार उन्हें टारगेट कर रही है। जानबूझकर उन्हें जेल से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है। राजनीतिक साजिश के तहत जेल से बाहर आने के सभी रास्ते बंद कर दिए जा रहे हैं। बता दें आनंद मोहन पिछले चार दिनों से अनशन पर हैं। जी कृष्णैया हत्याकांड में सजा काट रहे हैं। चार दिन पहले जेल में छापेमारी हुई थी। तब यह दावा किया गया था कि उनके वार्ड से मोबाइल बरामद हुआ है। इसके बाद आनंद मोहन के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया। इस मामले के दर्ज होने के बाद जेल से उनके बाहर आने के रास्ते बंद होते दिख रहे हैं।
वर्षों से रिहाई की हो रही मांग
आनंद मोहन के समर्थक और उनका परिवार वर्षों से उनकी रिहाई की मांग कर रहा है। आनंद मोहन को आजीवन कारावास की सजा मिली है, जिसे राज्य सरकार नियमों के मुताबिक रिहा कर सकती है। इसके लिए पूर्व सांसद का साफ-सुथरा आचरण होना बेहद जरूरी है। अब जेल में छापेमारी के बाद उनके ऊपर नया केस दर्ज किया गया है। उस दिन वह अनशन पर हैं। हालांकि जेल प्रशासन उनकी सेहत पर नजर बनाए रखने का दावा कर रहा है। जेल चिकित्सक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि आनंद मोहन की तबीयत में थोड़ी सी गिरावट आई है। उन्हें खाना खाने की सलाह दी गई है।
लवली आनंद- राजनीतिक दुर्भावना से कार्रवाई कर रही सरकार
आनंद मोहन की पत्नी एवं पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि सरकार राजनीतिक दुर्भावना के तहत कार्रवाई कर रही है। आनंद मोहन के सजा पूरे किए हुए पांच महीने हो चुके हैं। फिर भी उनको मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। जेल अधीक्षक सुरेश चौधरी ने बताया कि आनंद मोहन की निगरानी के लिए जेल चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया है।
उपचुनाव में पत्नी और बेटे लगातार कर रहे जनसंपर्क
तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव को लेकर आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और बेटे एवं विधायक चेतन आनंद लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। दोनों राजद के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। आनंद मोहन का राजपूत समाज में जबरदस्त पकड़ होने की वजह से उनके ऊपर नकेल कसने की बात कही जा रही है।