पटना : मगध विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) डॉ. राजेंद्र प्रसाद के तीन ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति बरामद की है। एसवीयू ने बुधवार को बोध गया स्थित कुलपति के आवास, विश्वविद्यालय के कार्यालय और गोरखपुर स्थित घर पर छापेमारी की। इसमें गोरखपुर स्थित घर से 70 लाख रुपए, पांच लाख की विदेशी मुद्रा, 15 लाख रुपए के गहने बरामद हुए हैं। इसके साथ ही जमीन के कागजात के साथ कई बैंकों के खाते और लॉकर का भी पता चला है। विशेष निगरानी इकाई ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, इनके आप्त सचिव सह असिस्टेंड सुबोध कुमार, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी ओमप्रकाश, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार, लखनऊ स्थित पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट प्रिंटर्स, एमएस एक्सएलआईसीटी सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड पर मामला दर्ज किया है।
30 करोड़ से अधिक के घोटाले में फंस कुलपति
मगध विश्वविद्यालय में खरीदारी के नाम पर कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर 30 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप लगा है। जालसाजी और भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। डॉ. राजेंद्र पर आरोप है कि उन्होंने मगध विश्वविद्यालय और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर रहते हुए नाजायज ढंग से विश्वविद्यालय के लिए उत्तर पुस्तिका, किताबें और गार्ड की बहाली आदि में मनमानी की है। डॉ. राजेंद्र ने बिना किसी जरूरत और उपयोगिता के टेंडर प्रक्रिया के खिलाफ अपने चेहते आपूर्तिकर्ताओं से खरीदारी दिखाई।
बैंक खाते और कुछ लॉकर किए गए फ्रीज
कुलपति के गोरखपुर स्थित आजाद नगर पूर्वी स्थित मकान में छापेमारी में एक एकड़ की जमीन के कागजता मिले हैं। इन जमीनों को हाल में ही खरीदा गया है। कई बैंक खाते और लॉकर को टीम ने फ्रीज कर दिया है। डॉ. राजेंद्र ने शेयर बाजार में भी मोटी रकम निवेश कर रही है। गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सूर्य कुमार ने डिग्री प्रिटिंग, कॉपी और अन्य सामग्रियों में खरीद में हेराफेरी का आरोप लगाकर निगरानी जांच की मांग की थी। मामले में जांच के बाद एसवीयू ने कुलपति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसके बाद कोर्ट ने कुलपति के खिलाफ सर्च वारंट जारी किया गया।
2019 में बने हैं मगध विश्वविद्यालय के कुलपति
डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 2019 में मगध विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था। इससे पहले वह इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं। उससे पहले राज्य विश्वविद्यालय के ओएसडी थे। इसके पहले दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में कुलपति थे। डॉ. राजेंद्र रक्षा अध्ययन के आचार्य हैं।