एक ऐसा केंद्रीय मंत्री, जिसके मां-बाप दूसरों के खेतों में काम कर भरते हैं पेट, एक विधवा बहू व पोते का भी कर रहे भरण-पोषण

पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में शामिल नए चेहरों की लगातार चर्चा हो रही है। पश्चिम बंगाल के सांसद निशीथ प्रमाणिक पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगा बवाल मचा हुआ है। वहीं, दूसरी ओर नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में एक ऐसे मंत्री हैं, जिनके माता-पिता आज भी दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। दूसरों के खेतों में हर दिन काम कर अपना और अपनी एक विधवा बहू और उसके बच्चों का भरण-पोषण कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री के माता-पिता अपने बेटे के पद का तनिक भी गुमान नहीं है। तमिलनाडु के एक गांव में केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन के माता और पिता रहते हैं। यहीं दूसरों के खेतों में हर दिन काम करते हैं। मजदूरी में मिलने वाले पैसे से ही अपना जीवनयापन कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन की मां 59 वर्षीय एल वरुदाम्मल और 68 वर्षीय पिता लोगानाथन ने कहा कि उनका बेटा प्रधानमंत्री सरकार में मंत्री बना है, यह उन्हें पता है पर वे जश्न मनान में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते। हर दिन खेतों में काम पर जाते हैं और अपना खून-पसीना बहाते हैं।

मंत्री की मां खेतों में उगी झाड़ियों को करती हैं साफ, पिता फावड़े से जमीन बनाते हैं समतल
केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन की मां वरुदाम्मल हर दिन अलग-अलग लोगों के खेतों में उगी झाड़ियों को साफ करती हैं। पिता फावड़े से जमीन को समतल बनाते हैं। मां ने कहा कि बेटा मंत्री बन जाए तो मुझे क्या करना चाहिए? मां ने कहा कि हमने उसकी तरक्की में कुछ नहीं किया है। बता दें एल मुरुगन एक दलित जाति से आते हैं। इसका नाम है- अरुनथाथियार। इनका पूरा परिवार एस्बेस्टस की छत वाले छोटे घर में रहता है। एल मुरुगन केंद्रीय मंत्री बनने से पहले पिछले साल तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं।

एल मुरुगन को कॉलेज में दाखिले के लिए लेना पड़ा था उधार
केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन के बारे में उनकी मां ने बताया कि उनका बेटा बचपन से मेधावी था। कॉलेज में दाखिले के लिए उन्हें अपने दोस्तों से उधार में पैसे लेने पड़ते थे। जब वह राजनीति में आ गए तो उनके माता-पिता चेन्नई गए थे, लेकिन अपने बेटे की जीवनशैली में फिट नहीं बैठने पर वे दोनों अपने गांव लौट गए।

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