6-17 साल के बच्चे खुद लड़ेंगे संक्रमण से, इनके शरीर में पहले से एंटीबॉडी

पटना : कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित नहीं होंगे। 6 से 17 साल के बच्चे कोरोना संक्रमण से खुद लड़ेंगे, क्योंकि इनके शरीर में पहले से एंटीबॉडी तैयार है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मंगलवार को बताया कि 21 राज्यों के 70 जिलों में जून और जुलाई में हुए चौथे सीरो-सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार देश की 67 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी डेवलप हुई है। इसका मतलब है कि यह आबादी संक्रमित हो चुकी है। ऐसे में इनके शरीर में वायरस को बेअसर करने वाली एंटीबॉडी बन चुकी है। इस रिपोर्ट की खास बात है कि 67 प्रतिशत आबादी में बड़ी संख्या में बच्चे भी हैं। इसके साथ ही बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर भी आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि स्कूल खोले जा सकते हैं। छोटे बच्चों में एडल्ट की तुलना में संक्रमण का खतरा कम है। डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यूरोप के कई देशों में स्कूल खोले गए हैं।

40 करोड़ आबादी पर अब भी खतरा
आईसीएमआर के डायरेक्टर डॉ. बलराम ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हुए हैं। चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल के 28975 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें 6 से 9 साल के 8932 बच्चे थे। 10 से 17 साल के 5799 बच्चे और 18 साल से ऊपर के 20284 बच्चे थे। 18 से अधिक उम्र वालों में से 62 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। 24 प्रतिशत लोगों ने एक डोज और 14 प्रतिशत लोगों ने दोनों डोज ली थी। डॉ. बलराम ने कहा कि देश की दो तिहाई आबादी में एंटीबॉडी मिली है। फिर भी 40 करोड़ आबादी पर कोरोना का खतरा है।

85 प्रतिशत हेल्थ वर्कर हो चुके हैं संक्रमित
आईसीएमआर के मुताबिक देश के 85 प्रतिशत हेल्थ वर्कर कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। ये लोग वैक्सीन भी लगवा चुके हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों ने पहली डोज ही लगवाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *