Covid-19:बिहार में 750 से अधिक डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित

पटना : बिहार में कोरोना संक्रमण की चपेट में आम लोगों के अलावा बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन वर्कर भी आ रहे हैं। सूबे में 750 से अधिक डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पॉजिटिव हो चुके हैं। पटना एम्स समेत छह अस्पतालों के डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं। पटना एम्स के 384 डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी पॉजिटिव हो चुके हैं। इनमें 220 डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी अब भी संक्रमित हैं। पीएमसीएच में 125 डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी पॉजिटिव हुए हैं। पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. इंदू शेखर ठाकुर ने बताया कि संक्रमित डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अस्पताल में अलग से व्यवस्था की गई है। कोरोना डेडिकेटेड नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक 100 डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी पॉजिटिव हो चुके हैं। एनएमसीएच के नोडल अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार को उनके यहां डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारियों को मिलाकर 100 लोग पॉजिटिव हुए हैं। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. बीएस झा ने बताया कि उनके अस्पताल के भी डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी को मिलाकर कुल 50 लोग संक्रमित हुए हैं।

200 से अधिक पुलिस वाले भी पॉजिटिव
बिहार में पुलिस वाले कोरोना की जद में बुरी तरह फंस गए हैं। अब तक 200 से अधिक पुलिस वाले पॉजिटिव हो चुके हैं। जबकि कई की जान भी जा चुकी है। बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार अब तक 210 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए हैं। इसको लेकर डीजी टीम ने एक बैठक बुलाई है। इसमें एडीजी पुलिस मुख्यालय, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, आईजी पुलिस मुख्यालय समेत कई वरीय अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में कोरोना को लेकर पुलिस अधिकारियों और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए गए। सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया कि थाने में किसी के भी आने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग कराएं। कोशिश करें कि बेहद कम लोग ही पुलिस थाने में आएं।

सभी जिलों में बनेगा अस्थाई कोरोना अस्पताल
सूबे में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों में अस्थाई कोरोना अस्पताल खोलने का निर्णय लिया है। सभी जिलों में 100 से 500 बेड के अस्थाई अस्पताल बनेंगे। ये सभी अस्पताल ऑक्सीजन युक्त होंगे। इसके लिए जमीन भी चिह्नित की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि कोरोना अस्पताल बनाने के लिए बीएमएसआईसीएल को इमर्जेंसी टेंडर दे दिया गया है। इन अस्पतालों में क्रायोजेनिक टैंक बनाया जाएगा। यहां लिक्विड ऑक्सीजन गैस को स्टोर किया जाएगा। इसके अलावा कोविड-19 की जांच बढ़ाने के लिए 100 ट्रूनेट मशीनों की खरीदारी होगी।

बाहर से आ रहे लोग कोविड रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन सेंटर में रहेंगे
सूबे में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने सभी जिलों में फिर क्वारेंटाइन सेंटर खोलने की कवायद शुरू हो गई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने अनुमंडल स्तर पर क्वारेंटाइन सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। इन कैंपों में दूसरे प्रदेश से आने वाले लोग रहेंगे। इन लोगों की कोविड-19 की जांच रिपोर्ट जब तक नहीं आ जाएगी, ये यहीं रहेंगे।

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