इलाज पर संकट: MP में 3 हजार जूनियर डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा, इनके समर्थन में कई राज्यों के डॉक्टर

पटना : मध्यप्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों के तीन हजार जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। सभी जूनियर डॉक्टरों ने अपने डीन को इस्तीफा दिया है। विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिन पहले हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 24 घंटे में काम पर लौटने का आदेश दिया था। इस आदेश के कुछ घंटे बाद ही जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। मध्यप्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने कहा कि छह मेडिकल कॉलेजों के तीन जूनियर डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे के समर्थन में छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत सभी राज्यों, एम्स और निजी अस्पतालों के जूनियर और सीनियर डॉक्टर शामिल हैं। अरविंद मीणा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने तीसरे वर्ष के जूनियर डॉक्टरों का इनरोलमेंट रद्द कर दिया है। ऐसे में हम परीक्षा में कैसे बैठेंगे? पीजी कर रहे जूनियर डॉक्टरों को तीन साल में डिग्री मिलती है, जबकि दो साल में डिप्लोमा होता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन एवं फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन भी हमारे साथ आ रहे हैं।

बिहार में 1.25 लाख शिक्षकों को अगस्त तक मिलेगा नियुक्ति पत्र
बिहार में अगस्त तक 1.25 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के विद्यालयों में छठे चरण के नियोजन में आवेदन नहीं करने वाले दिव्यांगों को मौका देने का निर्देश दिया। इस पर शिक्षा विभाग ने आगे की तैयारियां शुरू कर दी हैं। नियुक्ति की प्रक्रिया अगले दो से तीन महीने में पूरी कर ली जाएगी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने तीन दिनों के अंदर बहाली से संबंधित विज्ञापन जारी किए जाने के संकेत दिए। आवेदन करने के लिए दिव्यांगों को 15 दिनों का समय दिया जाएगा। इन नए आवेदनों के शामिल हो जाने के बाद नियुक्ति को लेकर नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। इसके बाद मेरिट लिस्ट पर आपत्तियां ली जाएंगी। फिर काउंसिलिंग होगी और बाद में नियुक्ति पत्र बांटा जाएंगे।

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