पटना : आज दिवाली है। इस दिन दीपक पूजन से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा से पहले कलश, भगवान गणेश, विष्णु, इंद्र, कुबेर और मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस बार दिवाली पर तुला राशि में चार ग्रहकों आए हुए हैं। इस कारण चतुर्ग्रही योग बन रहा है, जिससे इस दिन की पूजा का विशेष फल मिलेगा। ज्योतिषाचार्या के अनुसार दिवाली पर पूजन का कई शुभ मुहूर्त हैं। इसमें सुबह 6: 35 बजे से सुबह 7:58 बजे तक, सुबह 10:42 बजे से दोपहर 2:49 बजे तक, शाम 4:11 बजे से शाम 5:34 बजे तक, शाम 5:34 से रात 8:49 बजे, रात 12:05 बजे से रात 1:43 बजे तक शुभ मुहूर्त हैं।
पूजन के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
आचमन करते समय ऊं केशवाय नम:, ऊं माधवाय नम:, ऊं नारायणाय नम:, ऊं ऋषिकेशाय नम: का जाप करें। अनामिका अंगुली से चंदन औ रोली लगाते हुए चंदनस्य महत्पुण्यम् पवित्रं पापनाशपम्, आपदा हरते नित्यम् लक्ष्मी तिष्ठतु सर्वदा का जाप करें। कलश पूजा के लिए कलश में जल भरकर उसमें सिक्का, सुपारी, दुर्वा, अक्षत, तुलसी पत्र डालें। फिर कलश पर आम के पत्ते रखें। नारियल पर वस्त्र लपेटकर कलश पर रखें। हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर वरुण देवता का आह्वान मंत्र पढ़ें और कलश पर छोड़ें… आगच्छभगवान् देवस्थाने चात्र स्थिरोभव। यावत् पूजा समाप्ति स्यात् तावत्वं सुस्थिरो भव।। फिर कलश में कुबेर, इंद्र समेत सभी देवी-देवताओं को याद कर आह्वान करें। फिर प्रणाम करें।
भगवान गणेश, विष्णु और कुबेर की पूजन विधि
मां लक्ष्मी की पूजा करने से पहले भगवान गणेश, विष्णु, इंद्र और कुबेर की पूजा करनी है। गणेश पूजन के लिए ऊं गणपतये नम: मंत्र बोलें और गणेश जी को स्नान करवाने के बाद सभी पूजन सामग्री चढ़ाएं। फिर हाथ में अक्षत, पुष्प लेकर कुबेर, इंद्र और भगवान विष्णु की मूर्ति पर चढ़ाएं और सर्वेभ्यो देवेभ्यो स्थापयामि। इहागच्छ इह तिष्ठ। नमस्कारं करोमि। फिर सर्वेभ्यो देवेभ्यो नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद सभी देवी-देवताओं पर फूल चढ़ाएं। इन देवताओं की पूजा करने के बाद मां सरस्वती की पूजा करें। मां सरस्वती का ध्यान लगाएं और ऊं सरस्वत्यै नम: का जाप करें। फिर सभी पूजन सामग्री बारी-बारी से चढ़ाएं। इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें।
माता लक्ष्मी की पूजन विधि
हाथ में अक्षत-फूल लेकर लक्ष्मी जी का ध्यान लगाएं और आह्वान के लिए ऊं श्रीं हीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हीं श्रीं ऊं महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद माता लक्ष्मी की स्थापना के लिए यह मंत्र पढ़ें- ऊं भूर्भुव: स्व: महालक्ष्मी, इहागच्छ इह तिष्ठ, स्थापयामि। नमस्कारं करोमि बोलें और अक्षत-फूल चढ़ाएं। इसके बाद ऊं श्रीं श्रीयै नम: बोलकर देवी को पूजन सामग्री चढ़ाएं। धूप जलाएं। नैवेद्य लगाएं और फल अर्पित करें। मां की आरती करें और मंत्र पुष्पांजलि अर्पित करें। पूजन में जानी-अनजानी में भूल के लिए देवी से क्षमा मांगें। पूजा के बाद जमीन पर जल छोड़ें और ये जल अपनी आंखों पर लगाएं। इस पूजा करने के बाद वहां पूजन स्थल छोड़ सकते हैं।