देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) से ग्रसित पाॅजिटिव लोगों की संख्या एक लाख क्राॅस कर गई है। अभी एक लाख छह हजार से ज्यादा लोग पाॅजिटिव हैं, जिनमें बयालीस हजार के करीब ठीक हो चुके हैं, तो बासठ हजार लोगों का अब भी इलाज चल रहा है। अब तक कोरोना (Corona) से देशभर में 3303 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थिति वाकई बहुत भयावह है।
पूरी दुनिया में लगभग 49 लाख लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि तीन लाख 25 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अकेले अमेरिका में अब तक 94 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
पिछले दो महीने से देश में लाॅकडाउन (Lockdown) है। 18 मई से नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने देश में लाॅकडाउन4 (Lockdwon 4.0) की घोषणा की है। इस बार कई तरह की छूट दी गई है, जिसका लोग गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं। हालांकि ईद (Eid) को देखते हुए सरकार ने कई तरह की दुकानें खोलने की इजाजत दे रखी है, पर इसे राज्य सरकारों को अपने अनुसार राज्य में लागू करवाना है। इधर बिहार में भी करीब 1600 लोग कोरोना पाॅजिटिव हो चुके हैं, इनमें दस की मौत भी हो चुकी है।
हम यह आंकड़े इसलिए दिखा रहे हैं कि देश व राज्य की स्थिति भयावह हो गई है। हम जितना फक्र महसूस कर रहे थे कि देश में कोरोना पाॅजिटिव व मरने वालों की संख्या कम है, अब उतनी ही इसमें तेजी आ गई है। लोग इस लाॅकडाउन में भी घर से निकलने में बाज नहीं आ रहे हैं। किसी को दूध लेना है तो किसी को हरी सब्जी, पर बाहर जरूर निकलना है। हम भारतीयों के साथ सबसे बड़ी कमजोरी यही कि हमलोग जल्दी किसी भी मामले को सीरियसली नहीं लेते हैं।
कोरोना के केस में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। लोग अब भी बेखौफ होकर घर से निकल रहे हैं, नतीजतन पाॅजिटिव मामले लगातार बढ रहे हैं। इतना कहने का सिर्फ और सिर्फ यही मतलब है कि अब सरकार या प्रशासन पर दोष मढ़ना बंद करें, जो सड़क पर नहीं हैं वे कुछ दिन कंप्लीट घर में ही रहें। जिन्दगी रही तो सरकारगिरी या फिर विरोधगिरी करने के लाखों मौके आएंगे। आफिस जा रहे हैं तो जाएं, बेशक जरूरी है। दुकानें खोल रहे हैं तो वो भी खोले, क्योंकि बिजनेस को पटरी पर लाना और भी जरूरी है, पर इन सबसे जरूरी है जान माल की रक्षा करना, जो हम आप ही कर सकते हैं।
(यह लेख पत्रकार संजीत नारायण मिश्रा ने लिखा है, जिसे हमने उनके सोशल मीडिया एकाउंट से लिया है।)