पटना : देश का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान तेजस बनाने में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजी अब्दुल कलाम के सहयोगी डॉ. मानस बिहारी वर्मा का सोमवार की देर रात निधन हो गया। हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हुआ। दरभंगा जिले के लहेरियासराय में अपने आवास पर उन्होंने दम तोड़ा। यह डीआरडीओ बेंगलुरु में रक्षा वैज्ञानिक थे। परिवार वालों के अनुसार सोमवार की रात 11:45 बजे लहेरियासराय के केएम टैंक स्थित आवास पर उन्हें हार्ट अटैक आया। उनके भतीजे मुकुल बिहार वर्मा ने बताया कि केएम टैंक मोहल्ले में वह किराए के मकान में रह रहे थे। वैसे घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव के मूल निवासी थे। इनके निधन की खबर पर आवास पर सैकड़ों लोग पहुंचे।
डॉ. वर्मा को ऋषि कहते थे उनके माता-पिता
डॉ. मानस बिहारी वर्मा की आदतों को देखकर उन्हें बचपन में उनके माता-पिता ऋषि कहते थे। उनका जन्म 29 जुलाई 1943 को हुआ था। पिता आनंद किशोर लाल दास और माता यशोदा देवी थी। डॉ. मानस बिहारी चार बहन और तीन भाई थे। बता दें यह प्रख्यात मैथिली साहित्यकाार ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्य के परिवार से थे। इसलिए पढ़ाई-लिखाई के लिए अच्छा माहौल मिला। प्रारंभिक पढ़ाई गांव में हुई और हाईस्कूल की पढ़ाई चाईबास में की। फिर पटना साइंस कॉलेज से पढ़ाई की। इसके बाद बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की। फिर सागर विश्वविद्यालय से उच्च तकनीकी शिक्षा ली।
दर्जनों पुरस्कार से नवाजे गए थे डॉ. मानस बिहारी
डॉ. मानस बिहारी दर्जनों पुरस्कार से नवाजे जा चुके थे। इन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने डीआरडीओ के साइंटिस्ट ऑफ द ईयर और टेक्नोलॉजी लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया था। 2018 में पद्म श्री से भी नवाजा गया। 2005 में अपने रिटायरमेंट के बाद वह अपने गांव ही रह रहे थे।