Good News : इसी माह अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल का हो सकता है उद्‌घाटन

पटना: राजधानी पटना के पहाड़ी पर अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनकर लगभग तैयार है। इसी माह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टर्मिनल का उद्‌घटन भी कर सकते हैं। उद्‌घाटन के बाद यहां से बसें चलने लगेंगी। इसको आईएसबीटी पटना सोसाइटी नियम एवं विनियम को कैबिनट द्वारा मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने कहा कि अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल का बेहतर और व्यवस्थित ढंग से संचालन अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल सोसाइटी, पटना करेगी। नवनिर्मित बस टर्मिनल के बेहतर संचालन एवं रख-रखाव के लिए सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत राज्य सरकार के समग्र प्रशासनिक नियंत्रण में एक सोसाइटी का गठन किया गया है। सोसाइटी का नाम अंतर्राज्यीय बस अड्डा पटना सोसाइटी (जो आईएसबीटीपी सोसाइटी के रूप में संदर्भित होगी) बिहार सरकार सोसाइटी की प्रायोजक होगी। सोसाइटी का निबंधित कार्यालय नगर विकास व आवास विभाग, विकास भवन, बेली रोड में होगा। सोसाइटी का परिचालन क्षेत्र संपूर्ण बिहार राज्य होगा। बता दें कि आवागमन की समुचित व्यवस्था व यात्री बसों को व्यवस्थित संचालन एवं यात्रियों को बेहतर एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में मौजा पहाड़ी में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) पटना योजना की प्रशासनिक मंजूरी दी गई थी। उक्त योजना 339.0221 करोड़ रुपए की है।

अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल, पटना के व्यवस्थित संचालन हेतु अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल पटना सोसायटी नियम एवं विनियम को मिली कैबिनेट में स्वीकृति
– मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन की संभावना
-सोसाइटी की शासी निकाय के अध्यक्ष होंगे नगर विकास विभाग के सचिव
-सचिव, नगर विकास विभाग की अध्यक्षता में सामान्यत: प्रत्येक तीन महीने में होगी शासी निकाय की बैठक
-अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल का बेहतर और व्यवस्थित ढंग से संचालन करेगी अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल सोसाइटी: आनंद किशोर, सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार
-इसी महीने आइएसबीटी फेज वन को शुरू करने का है लक्ष्य

सोसाइटी के प्राधिकार
-शासी निकाय
-अध्यक्ष
-कार्यकारिणी समिति
-सोसाइटी के ऐसे पदाधिकारी जिन्हे शासी निकाय समय-समय पर नियुक्त
करे

सोसाइटी की शासी निकाय की संरचना:
सोसाइटी की शासी निकाय के अध्यक्ष प्रधान सचिव/सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार होंगे। वहीं पटना प्रमंडलीय आयुक्त और पटना जिला पदाधिकारी उपाध्यक्ष होंगे। सदस्य सचिव के रूप में बुडको के प्रबंधक निदेशक, प्रधान सचिव/सचिव, परिवहन विभाग या उनके द्वारा संयुक्त सचिव स्तर के मनोनीत प्रतिनिधि, प्रधान सचिव/सचिव, पथ निर्माण विभाग या उनके द्वारा संयुक्त सचिव स्तर के मनोनीत प्रतिनिधि, वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना, पुलिस अधीक्षक (यातायात) पटना, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम व सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, पटना होंगे।
– शासी निकाय की बैठक अध्यक्ष द्वारा निर्धारित समय एवं स्थान पर सामान्यतः तीन माह के अंतराल पर आहूत की जाएगी, लेकिन प्रत्येक वर्ष में कम से कम एक बैठक अवश्य होगी। अध्यक्ष चाहें तो शासी निकाय की असाधारण बैठक आहूत कर सकते है।
-शासी निकाय की बैठक के लिए आवश्यक कोरम सदस्यों की कुल संख्या का एक तिहाई होगी।

शासी निकाय की शक्तियां और काम
-अध्यक्ष ही शासी निकाय की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
-सोसाइटी के प्रभावी रूप से कार्यशील रखने के लिए अपेक्षित समग्र नीतियों, निदेशों एवं दिशा-निर्देश का निरूपण।
-समय-समय पर सोसाइटी द्वारा कार्यान्वित होने वाली योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा।
-सोसाइटी की वार्षिक कार्य योजना एवं वार्षिक आय-व्यय की स्वीकृति।

सोसाइटी की एक कार्यकारिणी समिति होगी, जिसके ये सदस्य रहेंगे
सोसाइटी की एक कार्यकारिणी समिति होगी, जिसके अध्यक्ष पटना डीएम होंगे। वहीं उपाध्यक्ष नगर आयुक्त, पटना, वरीय पुलिस अधीक्षक पटना, उप विकास आयुक्त पटना, पुलिस अधीक्षक यातायात, पटना व जिला परिवहन पदाधिकारी पटना होंगे। सदस्य सचिव के रूप में कार्यपालक अभियंता (प्रभारी आईएसबीटी), बुडको के साथ महाप्रबंधक PESU और कार्यपालक अभियंता (पटना सिटी प्रमंडल), पथ निर्माण विभाग पटना इस समिति में शामिल होंगे।

सोसाइटी के कार्य:
– यातायात प्रबंधन, बसों का संचालन और आइएसबीटी, पटना के अनुश्रवण संबंधित सभी कार्य।
-आईएसबीटी पटना में निर्मित होने वाले वाणिज्यिक परिसर में सभी दुकानों एवं अन्य परिसम्पत्तियों के आवंटन से संबंधित सभी कार्य।
-आईएसबीटी पटना के संचालन एवं संपोषण से संबंधित सभी कार्य।
-आईएसबीटी पटना में नागरिक सुविधाओं जैसे पेयजल, प्रदर्शन कक्ष, प्रतिक्षालय आदि का संपोषण और अनुश्रवण से संबंधित सभी कार्य।
-आईएसबीटी पटना के सुरक्षा प्रबंधों जैसे सीसीटीवी, अग्निशामक यंत्रों, आपातकालीन निकास मार्गों की सुरक्षा, संचालन व अनुश्रवण।
-वाणिज्यिक उपयोग संबंधी कार्यों के लिए शुल्क निर्धारण।
-उपर्युक्त के अलावे आईएसबीटी के संचालन, संपोषण और अनुश्रवण के लिए आवश्यक सभी कार्य।

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