गुड न्यूज : जिलों में बनेगा अस्थाई कोरोना अस्पताल, 100 से 500 बेड रहेंगे

पटना : सूबे में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों में अस्थाई कोरोना अस्पताल खोलने का निर्णय लिया है। सभी जिलों में 100 से 500 बेड के अस्थाई अस्पताल बनेंगे। ये सभी अस्पताल ऑक्सीजन युक्त होंगे। इसके लिए जमीन भी चिह्नित की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि कोरोना अस्पताल बनाने के लिए बीएमएसआईसीएल को इमर्जेंसी टेंडर दे दिया गया है। इन अस्पतालों में क्रायोजेनिक टैंक बनाया जाएगा। यहां लिक्विड ऑक्सीजन गैस को स्टोर किया जाएगा। इसके अलावा कोविड-19 की जांच बढ़ाने के लिए 100 ट्रूनेट मशीनों की खरीदारी होगी।

बाहर से आ रहे लोग कोविड रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन सेंटर में रहेंगे
सूबे में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने सभी जिलों में फिर क्वारेंटाइन सेंटर खोलने की कवायद शुरू हो गई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने अनुमंडल स्तर पर क्वारेंटाइन सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। इन कैंपों में दूसरे प्रदेश से आने वाले लोग रहेंगे। इन लोगों की कोविड-19 की जांच रिपोर्ट जब तक नहीं आ जाएगी, ये यहीं रहेंगे।

संक्रमण में दूसरे नंबर पर गया
बिहार में लगातार तीसरे दिन 10 हजार से अधिक कोरोना के मरीज मिले। संक्रमण के मामले में पटना पहले स्थान पर है। यहां गुरुवार को 2643 नए मरीज मिले। दूसरे नंबर पर गया है, जहां 945 नए मरीज मिले हैं। गुरुवार को कुल 1 लाख 1 हजार 63 जांच हुई, जिसमें 11489 पॉजिटिव केस आए। संक्रमण के मामले में खगड़िया, कटिहार, औरंगाबाद, वैशाली, नवादा, मधुबनी, सुपौल, मधेपुरा, जमुई और सारण टॉप में हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कोरोना पर नेशनल प्लान मांगा
देश भर में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से नेशनल प्लान मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने कहा कि देश में राष्ट्रीय आपातकाल जैसी स्थिति बनी है। केंद्र सरकार से कहा कि वह एक हलफनामा दायर कर यह जानकारी दे कि देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, वैक्शीनेशन का तरीका कैसा हो और राज्य में लॉकडाउन का फैसला कैसे करना चाहिए?

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