पटना : आरा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शहर के बड़े बैग कारोबारी की हत्या में दोषी पाए गए 10 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुख्यात खुर्शीद कुरैशी समेत 10 दोषियों को सजा सुनाई गई। इसके साथ अलग-अलग सेक्शन में इनको 2.60 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। दोषियों में खुर्शीद कुरैशी का भाई अब्दुल्ला भी शामिल है। दरअसल, नौ मार्च को इन सभी को दोषी पाए जाने पर कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) मनोज कुमार के कोर्ट ने सभी आरोपियों को हत्या, आपराधिक षड्यंत्र, आर्म्स एक्ट और रंगदारी के लिए भय पैदा करने के लिए दोषी माना था। केस में अभियोजन की ओर से एपीपी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बहस की थी। 24 मार्च को ही सजा सुनाई जानी थी।
6 दिसंबर 2018 को कारोबारी की हुई थी हत्या
आरा शहर के धर्मन चौक स्थित शोभा मार्केट में 6 दिसंबर 2018 को अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर बैग कारोबारी इमरान खान की हत्या की थी। मौके पर ही इमरान की मौत हो गई थी। इनके भाई अकील अहमद और बीएसएनएल के एक कर्मी हमले में जख्मी हो गए थे। अकील अहमद ने टाउन थाने में कुख्यात खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई समेत अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अकील ने प्राथमिकी में बताया था कि 10 लाख रुपए रंगदारी नहीं देने पर खुर्शीद ने अपने भाई और सहयोगियों के साथ मिलकर उनके भाई की हत्या की और उनकी भी हत्या करने को गोली मारी।
जज को 29.50 लाख का चूना लगाया, ठग रांची से गिरफ्तार
राजधानी पटना में एक जज को प्रॉपर्टी के नाम पर 29.50 लाख रुपए का चूना लगाया गया है। जज साहब ने आरोपी के विरुद्ध शास्त्रीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी को रांची से गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, पूर्वी चंपारण के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) कृष्ण मोहन तिवारी को पटना में फ्लैट दिलाने के नाम पर अरविंद कुमार ठाकुर बिल्डर ने 29.50 लाख रुपए ऐंठे हैं। इस ठगी में बिल्डर की पत्नी शशिकला ठाकुर भी शामिल है। बता दें एडीजे कृष्ण मोहन तिवारी जब रोहतास में फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट थे, तब सासाराम स्थित उनके घर पर अर्जुना होम्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अरविंद कुमार ठाकुर अपनी पत्नी के साथ मिलने पहुंचे थे। उन दोनों ने पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत पटेल नगर में रामेश्वर नाम से अपार्टमेंट बनने की जानकारी दी थी। जज को यहां एक फ्लैट बुक करने के लिए कहा था। फ्लैट खरीदने के लिए एलआईसी के हाउसिंग फाइनेंस से एडीजे कृष्ण मोहन तिवारी को लोन लेना पड़ा। उनके पास पहले से 39.35 लाख रुपए थे। जज ने अर्जुना होम्स प्राइवेट लिमिटेड के पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में अलग-अलग तिथियों में पैसे जमा किए थे। पैसे जमा हो जाने के बाद पति-पत्नि गायब हो गए। दोनों का फोन भी बंद आने लगा। तब जज साहब ने दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।