पटना। कोरोनावायरस की चौथी लहर को लेकर देशभर में अलर्ट हो गया है। पिछले कई दिनों से लगातार मामले बढ रहे हैं तो मौतों की संख्या भी बढने लगी है। चौथी लहर की आशंका को देखते हुए बिहार में भी अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है। बच्चों के इलाज को लेकर अस्पतालों को अलर्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने पीकू को लेकर अस्पतालों को विशेष निर्देश दिया है। राज्य के 11 जिलों में स्थापित पीकू को विशेष रूप से कोरोना को लेकर तैयार किया जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली के साथ देश के कई शहरों में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है। दिल्ली में संक्रमितों की संख्या में बच्चे अधिक हैं। ऐसे में चौथी लहर में बच्चों को लेकर विशेष तैयारी है। बच्चों की सेहत को लेकर बिहार में भी स्वास्थ्य विभाग तैयारी में जुट गया है। सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन यूनिट से लेकर बेड तक की व्यवस्था देखी जा रही है। कोरोना की तीसरी लहर में मामला हल्का पड़ा था और फिर सरकार निश्चिंत हो गई थी लेकिन संक्रमण का ग्राफ देश में बढ़ते ही कोरोना की चौथी लहर के खतरे को लेकर फिर से तैयारी हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि अतिगंभीर, एईएस एवं जेई से पीड़ित बच्चों के तत्काल इलाज के लिए राज्य के 11 जिलों में स्थापित शिशु गहन देखभाल ईकाई (पीकू) को और भी सुदृढ़ किया जा रहा है। पीकू में एईएस एवं जेई के साथ-साथ एक माह से 12 साल के अतिगंभीर पीड़ित बच्चों का भी उपचार किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिला अस्पताल स्तर पर स्थापित पीकू में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ, चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ एवं लैब टेक्निसियन को 16 अप्रैल से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो 25 अप्रैल तक अलग-अलग अस्पतालों में चलेगा। प्रशिक्षण के बाद टेली आईसीयू काउंसलिंग की सुविधा को सफलतापूर्वक चलाया जा सकेगा। शिक्षण के लिए 6 जिलों के जिला अस्पताल को चिह्नित किया गया है, इनमें 3 जिले क्रमशः जिला अस्पताल गोपालगंज में 16, समस्तीपुर में 18 और वैशाली में 19 अप्रैल को प्रशिक्षण हो चुका है। 21 अप्रैल को पूर्वी चंपारण, 22 अप्रैल को सीतामढ़ी और 25 अप्रैल को जिला अस्पताल मुजफ्फरपुर में प्रशिक्षण चलेगा।