सवर्ण विधायकों की बढ़ी संख्या, सबसे अधिक 28 राजपूत नेता

पटना : इस विधानसभा चुनाव ने काफी कुछ बदल दिया है। टिकट बंटवारे से लेकर उम्मीदवारों की जीत तक में बहुत कुछ बदला है। इस चुनाव में सवर्ण विधायकों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, यादव, कुर्मी और कुशवाहा जाति के विधायकों की संख्या घटी है। चुनावी परिणाम के अनुसार इस बार 52 यादव विधायक हैं। पिछले चुनाव में 61 यादव विधायक बने थे। इस चुनाव में राजद के टिकट पर 36, भाकपा माले से 2, कांग्रेस से एक और सीपीएम से एक यादव विधायक बने हैं। वहीं एनडीए में 12 यादव विधायक बने हैं। इनमें भाजपा के 6, जदयू के 5 और वीआईपी के 1 यादव नेता हैं। जबकि राजपूत विधायक 28 बने हें। 2015 में इनकी संख्या 20 थी। यानी आठ राजपूत विधायक बढ़े हैं। इनमें एनडीए से बीजेपी से 15, जदयू से 2 और दो वीआईपी से जीते हैं। शेष महागठबंधन के टिकट पर जीते हैं।

12 ब्रह्मण और भूमिहार 17 विधायक बने
इस चुनाव में ब्रह्मण जाति के 12 विधायक बने हैं। 2015 में इनकी संख्या 11 थी। इस बार बीजेपी से 5, जदयू से 2, कांग्रेस से 3 और राजद से 2 ब्रह्मण नेता विधायक बने हैं। वहीं भूमिहार विधायक 21 हुए हैं। 2015 में 17 ही थे। इस बार बीजेपी से 8, जदयू से 5, हम से 1, कांग्रेस से 4, राजद और सीपीआई से 1-1 विधायक बने हैं।

वैश्य समुदाय से 24 विधायक बने
इस चुनाव में वैश्य समुदाय के 24 विधायक बने हैं। 2015 में इनकी संख्या 16 थी। इस बार भाजपा से सबसे अधिक 15 वैश्य समुदाय के विधायक बने हैं। इसके अलावा राजद से 5, सीपीआई एम से 2, जदयू और कांग्रेस के 1-1 विधायक बने हैं।

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