पटना : बिहार में 36 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। इन शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने 20 जुलाई यानी मंगलवार तक समय दिया था। इस अवधि में शिक्षकों को अपने सभी कागजात विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना था। अब जिन शिक्षकों ने अपने कागजात पोर्टल पर नहीं डाले हैं, उनकी नौकरी जा सकती है, क्योंकि विभाग इन शिक्षकों को फर्जी मनेगा। उन शिक्षकों से विभाग वेतन भी वसूलेगा। कागजात नहीं जमा करने वाले शिक्षकों को पहले शो-कॉज नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद फिर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 2006 से 2015 के बीच 91 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इनमें 65 हजार शिक्षकों ने ही निगरानी जांच के लिए विशेष पोर्टल पर अपने कागजात अपलोड किए हैं। ऐसे में 36 हजार शिक्षकों को कागजात पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 20 जुलाई तक का समय दिया गया था।
4-5 साल से लगातार मांगे जा रहे दस्तावेज
टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ (गोप गुट) के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि पिछले चार-पांच साल से अलग-अलग नियोजन इकाइयों और जिला शिक्षा कार्यालय से नियोजित शिक्षकों के कागजात मांगे जा रहे हैं। दूसरी ओर जिला शिक्षा कार्यालयों और नियोजन इकाइयों ने नियोजित शिक्षकों को फोल्डर निगरानी जांच के लिए जमा नहीं किया। संगठन ने कहा कि विभाग बताए कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई क्या? जिले से ही नियोजित शिक्षकों का डेटा गलत अपलोड कर दिया गया है। सुधार के लिए शिक्षकों का भटकना पड़ रहा है। संगठन ने कागजात जमा करने के लिए 15-20 दिन समय बढ़ाने की मांग की है।