पटना : चीन को खुफिया जानकारी देने के आरोप में दिल्ली के स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को फिर गिरफ्तार किया गया है। इस बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है। ईडी के मुताबिक इन पैसों के बदले राजीव शर्मा ने चीन को भारतीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय और संवेदनशील जानकारियां दी हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 14 सितंबर को राजीव को गिरफ्तार किया था। केंद्रीय खुफिया एजेंसी की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने राजीव को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि राजीव की गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज मिले थे। पुलिस ने राजीव शर्मा से पूछताछ के बाद एक चीनी महिला और नेपाली सहयोगी को भी पकड़ा था।
चीन से 40 लाख रुपए कमाने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने तब कहा था कि पत्रकार राजीव शर्मा ने चीन को देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देकर 40 लाख रुपए कमाए थे। राजीव को हर सूचना के लिए 1 हजार डॉलर मिलते थे। स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि राजीव शर्मा चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में रक्षा मामलों पर लेख लिखते थे। 2016 में चीनी एजेंट के संपर्क में आए थे और फिर वहां के कुछ चीनी खुफिया अधिकारियों से कॉन्टैक्ट हुआ था। डीसीपी के मुताबिक राजीव 2016 से 2018 तक चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी देने में शामिल थे। तब वह विभिन्न देशों में कई जगहों पर चीनी खुफिया अधिकारियों से मिलते थे। इन मुलाकातों में वह भारत-चीन सीमा विवाद पर जानकारी साझा करते थे।
पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
14 सितंबर 2020 में जब पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया गया था, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। पूरे मामले में 60 दिनों के अंदर आरोप पत्र दाखिल नहीं होने पर कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि राजीव को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।