विधायक बोले-सीएम साहब! एसपी को हटाइए; नहीं तो मेरी हत्या हो जाएगी, ये अपराधियों से मिले हैं

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जदयू के एक विधायक ने अपनी जान बचाने की गुहार लगाई है। विधायक ने सीएम से मांग की है कि जल्द एसपी को हटाइए, नहीं तो मेरी हत्या हो जाएगी। विधायक ने अपने आवास पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है। दरअसल, खगड़िया जिले के परबत्ता से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने एसपी अमितेश कुमार को हटाने की मांग की है। इसके लिए जदयू विधायक डॉ. संजीव ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा और उसमें कहा कि एसपी अपराधियों से मिले हुए हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में मुख्य रूप से चार थाने हैं। इनमें तीन थानों में एक ही जाति के थाना प्रभारी को पदस्थापित किया गया है। विधायक ने एसपी पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने सिर्फ थाना प्रभारी नहीं बल्कि थानों में पांच-पांच जेएसआई भी उसी जाति के पदस्थापित किए हैं। विधायक ने पत्र में कुछ थानाध्यक्षों का नाम लिखा है और उनका अपराधियों के साथ उठना-बैठना बताया है। विधायक ने कहा कि यही वजह है कि उसे जाति के अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। विधायक ने कहा कि परबत्ता थानाध्यक्ष ने उनकी जान पर खतरा बता एसपी को रिपोर्ट दी तो एसपी ने उस रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया।

डीजीपी को मामले की जांच कराने का मिला आदेश
मुख्यमंत्री को विधायक द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद सरकार के सचिव के सैंथिल ने डीजीपी को मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। साथ ही जल्द रिपोर्ट मांगी है। सचिव के पत्र के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय से आईजी हेडक्वार्टर ने जांच के लिए लिखा है।

चुनाव के दौरान हुए हमले का विधायक ने किया जिक्र
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक डॉ. संजीव ने कहा कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान भागलपुर में उन पर हमला हुआ था। उस हमले में खगड़िया के जदयू जिला उपाध्यक्ष पप्पू भगत की हत्या हो गई थी। उसमें उस खाति के ही लोगों का हाथ है। विधायक ने कहा कि पप्पू भगत हत्याकांड में शामिल बड़े अपराधी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। पूरे मामले में एसपी अमितेश कुमार जदयू कार्यकर्ताओं को झूठे केस में फंसाकर प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने ध्रुव कुमार शर्मा को झूठे केस में फंसाया है।

खगड़िया एसपी बोले-मेरे सीनियर अधिकारी ही बताएंगे
खुद पर लगे आरोपों पर खगड़िया के एसपी अमितेश कुमार ने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता। मुझ पर जो आरोप लगे हैं, वे सही हैं या नहीं,, यह तो मेरे सीनियर अधिकारी ही बता सकेंगे।

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