आसमान से गायब हो गया रूसी विमान; 13 लोग थे सवार, नासा की चेतावनी-2030 में होगा जलप्रलय

पटना : 18 यात्रियों से भरा एक रूसी विमान आसमान से गायब हो गया। साइबेरिया के आसमान से रूसी विमान के गायब होने पर मामले की जांच शुरू हुई। विमान से संपर्क टूट चुका था और पिछले 10 दिनों में आसमान से विमान के गायब होने की यह दूसरी घटना थी। इससे पहले 6 जुलाई को 28 लोगों को लेकर जा रहा विमान आसमान में गायब हो गया था। अगले दिन वह पहाड़ों के बीच क्रैश मिला था। हालांकि इस बार लापता होने के कुछ घंटों बाद विमाल सुरक्षित मिल गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार टॉम्स्क के साइबेरियाई क्षेत्र में एक उड़ान के दौरान विमान लापता हो गया था। विमान का कंट्रोल रूप से संपर्क नहीं बना था। शाम तक रूसी अधिकारियों ने टॉम्स्क के साइबेरियाई क्षेत्र में शुक्रवार को लापता हुए एक विमान में सवार सभी 18 लोग जीवित पाए गए हैं। रूस की विमानन एजेंसी ने एएफपी को बयान देकर कहा कि बचाव दल ने विमाल की कठिन लैंडिंग के साथ 15 यात्रियों और चालक दल के तीन सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया है। 6 जुलाई को लापता हुए विमान में सवार 28 लोगों की मौत हो गई थी। रूसी मीडिया के अनुसार वह छोटा विमान रूस के कामचटका प्रायद्वीप के छोटे से गांव पलाना में उतरने की तैयारी कर रहा था। लैंडिंग से करीब 10 किलोमीटर पहले विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) से संपर्क टूट गया था।

चंद्रमा के कारण 2030 के दशक में पृथ्वी पर होगा जल प्रलय
जलवायु परिवर्तन पर लगातार चल रहे शोध के बीच नासा ने बड़ी चेतावनी जारी कर दी है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अध्ययन के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी के साथ चंद्रमा की अपनी कक्षा में डगमगाने से पृथ्वी पर जल प्रलय हो सकता है। 21 जून को छपी जर्नल नेचर क्लाइमेट चेंज की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी तटीय इलाकों में 2030 के दशक में उच्च ज्वार के कारण होले वाली बाढ़ के रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी। नासा के एक अध्ययन के अनुसार 2030 के दशक के मध्य तक ये विनाशकारी बाढ़ लगातार और अनियमित रूप से जनजीवन को प्रभावित करेगी।

कुछ ही महीनों में आएगी बाढ़
शोध के अनुसार अमेरिकी तटीय इलाकों में अभी महीने में दो या तीन बार बाढ़ आती है, लेकिन जल्द वहां एक दर्जन से अधिक बार बाढ़ आने लगेगी। यह बाढ़ कुछ ही महीनों में बड़े पैमाने पर आएगी। शोधकर्ताओं ने कहा कि उससे निपटने के लिए जल्द योजना शुरू नहीं की गई तो तटीय इलाके में जीवन और आजीविका बुरी तरह प्रभावित होगी।

चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण यह बदलाव
2019 में आटलांटिक खाड़ी तटों पर बाढ़ के 600 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए थे। वैज्ञानिकों ने कहा है कि चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण में यह बदलाव उसकी कक्षा के डगमगाने से होगा। इसका प्रभाव पृथ्वी पर उच्च ज्वार बढ़ने के रूप में होगा। नासा के एक्सपर्ट बिल नेल्सन ने कहा कि बढ़ती बाढ़ के कारण समुद्र तल के पास के निचले इलाके में जोखिम के सबसे नजदीक हैं और आने वाले समय में और ज्यादा खतरा बढ़ेगा।

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