पटना। ‘मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान’। पर, ये भी सच है कि हमें कोशिश करने में कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। अयांश के माता-पिता भी अपने मासूम की जिंदगी के लिए कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। 12 महीने का अयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप-1 से पीड़ित है। दो ऑपरेशन के बाद उसकी हालत बिगड़ गई है और वह अभी वेंटिलेटर पर है।
खबर है कि कोरोना को मात देने के बाद मासूम अयांश अब नई समस्या से घिर गया है। बेंगलुरु के मणिपाल हॉस्पिटल में अयांश को लेकर भर्ती मां नेहा सिंह ने वीडियो बनाकर लोगों से दुआ करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोगों ने हमारी बहुत मदद की है, पर यह मदद काफी नहीं है। नेहा ने लोगों से हाथ जोड़कर विनती की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अयांश की मदद में आगे आएं, तभी मेरा बेटा स्वस्थ होकर घर आ पाएगा।
अयांश की मां नेहा सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखकर कहा है कि दुआ कीजिए कि बिहार का बेटा ठीक होकर हम लोगों के बीच वापस आ जाए। अयांश अभी वेंटिलेटर पर है और उसे वापस हम लोगों के बीच आने के लिए दुआ की जरूरत है। उन्होंने लिखा है कि अभी अयांश की हालत ठीक नहीं है। वह काफी दुबला हो गया है और उसकी हालत खराब हो गई है। पहले ऑपरेशन में लगभग 3 घंटे लगे और दूसरे ऑपरेशन में डेढ़ घंटे लग गए। इसके बाद से उसे सांस लेने में समस्या हो रही है। दूसरा ऑपरेशन ट्रीपोस्टोमी का हुआ है, जिसमें डॉक्टर का दावा है कि अब सांस में संकट नहीं होगी, वह अभी वेंटिलेटर से बाहर नहीं आया है। इसलिए लोगों से दुआ की जरूरत है।श्
बिहार आपतक को मिली जानकारी के अनुसार अयांश का दो बड़ा ऑपरेशन किया गया है। पहला ऑपरेशन पेट का हुआ है, जिसमें पाइप लगाई गई है और दूसरा ऑपरेशन गले का हुआ है, जिसमें भी पाइप डाली गई है। मां नेहा सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया, श्पहला ऑपरेशन तो मुंह में लगी पाइप को निकालकर पेट में पाइप लगानी थी। इस ऑपरेशन के लिए ही बेंगलुरु के मणिपाल हॉस्पिटल पहुंची थी, लेकिन जांच के दौरान दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए। अयांश ने इस हालत में भी कोरोना को मात दी, लेकिन दो-दो बड़े ऑपरेशन के बाद वह वेंटिलेटर पर है। नेहा सिंह ने कहा कि जब तक इंजेक्शन नहीं लग जाता, समस्या बनी रहेगी। नेहा सिंह
अयांश की मां नेहा सिंह ने कहा कि मेरे बेटे की हालत दिनोेंदिन खराब ही होती जा रही है। वह काफी दुबला हो गया है। क्राउड फंडिंग से ही उसका इलाज संभव हो पा रहा है, लेकिन जब तक 16 करोड़ का इंजेक्शन नहीं लग जाता है तब तक ऐसे ही खतरा बना रहेगा। नेहा ने कहा कि बीमारी का मात्र एक इलाज 16 करोड़ का इंजेक्शन है। 16 करोड़ के लिए पटना से लेकर पूरे बिहार में क्राउड फंडिंग चल रही है। लोगों के सहयोग से लगभग 8 करोड़ रुपए की व्यवस्था हो गई है।