देश में ही बनने लगी स्पूतनिक-वी, हिमाचल प्रदेश में हर साल बनेगी 100 मिलियन डोज

पटना : कोरोना की रूसी वैक्सीन का उत्पादन भारत में ही शुरू हो गया है। स्पूतनिक-वी का अब तक रूस से आयात हो रहा था। अब हिमाचल प्रदेश में रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और मोरपेन लेबोरिटरीज ने वैक्सीन का पहला बैच तैयार कर लिया है। पूर्व में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी डीसीजीआई ने रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी बनाने के लिए पैनेशिया बायोटेक को मंजूरी चुकी है। स्पूतनिक-वी बनाने के लिए छह कंपनियों ने रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ एकरारनामा किया है। इनमें एक पैनेशिया बायोटेक है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित फैक्ट्री में पैनेशिया बायोटेक अब स्पूतनिक-वी वैक्सीन बनाएगी।

वैक्सीन की पहली खेप भेजी थी रूस
रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ हुए एकरारनामे के अनुसार पैनेशिया बायोटेक ने स्पूतनिक-वी वैक्सीन की पहली खेप रूस भेजी थी। रूस के गामालेया केंद्र में वैक्सीन डोज गई और वहां वैक्सीन की गुणवत्ता सही पाए जाने पर उत्पादन की मंजूरी मिली। अब भारत में बड़े पैमाने पर वैक्सीन बनाई जाएगी। पैनेशिया बायोटेक पहली भारतीय कंपनी है, जो स्पूतनिक-वी बनाएगी। बता दें कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्पूतनिक-वी वैक्सीन 91.6 प्रतिशत कारगर है। स्पूतनिक-वी को भारत में 12 अप्रैल को आपातकाल स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी के लिए रजिस्टर्ड किया गया था। साथ ही 14 मई से कोरोना टीकाकरण अभियान में स्पूतनिक-वी को शामिल कर दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार आरडीआईएफ के साथ एकरारनामे के आधार पर पैनशिया हर साल 100 मिलियन खुराक बनाएगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी-नियम मानें नहीं तो लौटाएंगे बंदिशे
कोरोना संक्रमण में कमी के बाद मिल रही छूट में लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ी चेतावनी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लोग कोविड-19 से जुड़ी किसी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में हम वापस सभी बंदिशें लगा सकते हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में मिली बढ़त को कोरोना गाइडलाइन तोड़ने वाले खत्म कर सकते हैं। संयुक्त सचिव ने कहा कि हिल स्टेशनों की ओर लोग रुख कर रहे हैं। कोरोना प्रोटोकॉल बिल्कुल नहीं माना जा रहा। देश में अब भी कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 5 लाख है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, सिक्किम और मेघालय में चिंताजनक स्थिति है। इन सभी राज्यों में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है।

91 जिलों में हर दिन 100 से ज्यादा मरीज मिल रहे
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश भर में 100 ऐसे जिले हैं, जहां हर दिन 100 से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे हैं। 4 मई को यह संख्या 531 थी। अब भी 90 जिले ऐसे हैं, जहां देश भर के 80 प्रतिशत मरीज मिल रहे हैं।

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