तालिबान ने उतारा शराफत का चोला, कहा-पहले जैसी ही हमारी विचारधारा व मान्यताएं

पटना : अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान यह यकीन दिला रहा था कि वह लोगों और खासतौर पर महिलाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। महिलाओं की आजादी पर कोई अंकुश नहीं लगाएगा, लेकिन अब तालिबान ने खुद कहा है कि उसकी विचारधारा और मान्यताएं पहले जैसी ही हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने टोलो न्यूज पर अपने इंटरव्यू में कहा कि हम मुस्लिम हैं और हम अफगानिस्तान को एक मुस्लिम देश बनाएंगे। जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान महिलाओं को इस्लाम के आधार पर अधिकार देगा। हेल्थ और दूसरे सेक्टर में महिलाएं काम कर सकती हैं, जहां उनकी जरूरत है। दरअसल, पत्रकार ने तालिबानी प्रवक्ता से पूछा था कि 1990 के दशक और अब के तालिबान में क्या अंतर है। इस पर उन्होंने कहा कि हमारे में सबकुछ पहले जैसा है, सिर्फ अनुभव के मामले में बदले हैं। हम हम अधिक अनुभवी और एक अलग परिप्रेक्ष्य है।

काबुल में दूतावासों की सुरक्षा महत्वपूर्ण
तालिबानी प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में दूतावासों की सुरक्षा पर कहा कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। हमारा संगठन काबुल में सभी दूतावासों को सुरक्षा देगा। उसने कहा कि सभी देशों को हम भरोसा दिलाते हैं कि सभी दूतावासों, मिशनों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सहायता देने वाली एजेंसियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल दूसरे देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही समुदाय विशेष देश को भी भरोसा दिलाया कि उनकी जमीन से उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।

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