मुफ्फिसल थाने में नशे में झूम रहे थे दारोगा, तभी पहुंच गए एसएसपी…

पटना : बिहार में शराबबंदी लागू कराने वाली पुलिस ही अक्सर नशे में झूमती मिल रही है। अब गया जिले के मुफ्फसिल थाने में दारोगा नशे में झूम रहे थे। तभी थाने का निरीक्षण करने एसएसपी पहुंचे और नशे में झूम रहे दारोगा को गिरफ्तार करवाया। गिरफ्तार दारोगा ललन रजक को जेल भेज दिया गया है। एसएसपी आदित्य प्रकाश ने दारोगा की मेडिकल जांच कराई और फिर नशे की पुष्टि के बाद उसे जेल भेज दिया। एसएसपी ने थाना प्रभारी राजकुमार प्रसाद को निर्देश दिया कि पुलिस हो या पब्लिक शराब के नशे में मिले तो तुरंत गिरफ्तार करें और मेडिकल पुष्टि के बाद जेल भेज दें।

नवादा में शराब से मरने वालों की संख्या हुई 14
शराबबंदी के बीच जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। नवादा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। शुक्रवार क सुबह जहरीली शराब पीने से दो और लोगों की जान चली गई। दो में सक एक सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है। बता दें जिले में पिछले चार दिनों में शराब पीने से 14 लोग मर गए हैं। जबकि 12 से अधिक लोगों का इलाज जारी है। गुरुवार को तीन लोगों ने दम तोड़ा था। दोनों ने सदर अस्पताल में और एक ने पटना के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। जबकि एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी चली गई थी। दूसरी ओर पुलिस और प्रशासन के डर से कई पीड़ित परिवर अपना घर छोड़कर भाग गए हैं।

हादसे के बाद से 5819 लीटर शराब जब्त, 63 की गिरफ्तारी
जहरीली शराब से लोगों की मौत के बाद से अब तक प्रशासन ने 5819 लीटर शराब जब्त की है। एक महिला समेत 63 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। महिला उसी इलाके में ताड़ी बेचती थी, जहां लोगों की मौत हुई है।

पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी व 20 लाख देने की मांग
जहरीली शराब पीने से मरने वालों के पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपए दिए जाने की मांग की गई है। राजद विधायक विभा देवी ने सरकार से उक्त मांग की है। विधायक इसको लेकर सड़कों पर भी उतरीं। उन्होंने घटना पर दुख जताया और सरकार से मांग की पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायत जल्द दी जाए। इधर, डीएम यशपाल मीणा ने शराब से मौत से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद ही हम इसको मानेंगे और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। एसपी डीएस सांवलाराम ने बताया कि लोगों की मौत का खुलासा नहीं हो सका है। कारणों का पता लगाया जा रहा है।

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