COVID Effect is TB in Bihar

कोरोना से कमजोर हुए लंग्स पर टीबी का खतरा ज्यादा, पटना में 17 हजार लोग हुए शिकार

पटना। कोरोना से आप भले ठीक हो गए हैं और अभी नाॅर्मल लाइफ जी रहे हैं, पर कुछ न कुछ बीमारियों से वास्ता लगा ही रहेगा। कोरोना अफेक्टेड लोगों को कमजोरी तो आ ही जाती है, बाकी कई बीमारियों का भी खतरा रहता है। सबसे बड़ा खतरा है टीबी का। जी हां, पिछले एक साल में पटना में 17 हजार से ज्यादा वैसे लोग टीबी के शिकार हुए हैं, जिन्हें कोरोना हुआ था।

पटना में 2021 में 17192 लोगों में टीबी डिटेक्ट हुई है। हालांकि इन आंकड़ों में सैकड़ों लोग राज्य से पलायलन कर चुके हैं। टीबी मुक्त भारत का दावा करने वाली सरकार भी कोरोना काल में संक्रमण की चपेट में आए लोगों के लिए अनुदान नहीं दे पा रही है। कोरोना से टीबी का कनेक्शन की पुष्टि तो नहीं हो पाई है, लेकिन आशंका है कि कोविड संक्रमण के बाद कमजोर हुए लंग्स पर टीबी का अटैक हुआ है। ऐसे में लक्षण हो तो तत्काल टीबी की जांच कराएं और गंभीर होने से बचें।

कोरोना से अब तक राज्य में 8,30,435 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, इसमें 8,18,144 लोगों ने कोरोना को मात दिया है। संक्रमितों में 12,256 लोगों की मौत हो गई है। संक्रमितों में ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जिनका लंग्स इफेक्टिव हुआ है। लंग्स पर असर पड़ने के कारण समस्या आई है। ऐसे में लंग्स में संक्रमण का खतरा बना रहता है। लंग्स के कमजोर होने से कोरोना काल में टीबी के बढ़े मामलों को लेकर लोगों की मुश्किल बढ़ गई है।

खांसी आना, पसीना आना, बुखार रहना, थकावट होना, वजन घटना या फिर सांस लेने में कोई परेशानी हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर टीबी की जांच कराएं।

कोरोना काल में एक साल में रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आए हैं, पर सरकारी से अधिक प्राइवेट अस्पतालों में चिन्हित किए गए। पटना में 2021 में टीबी के 17,192 मरीज चिन्हित किए गए हैं। टीबी विभाग की जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रीति जोशी की मानें तो पिछले वर्ष 2021 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक पटना जिले में 17,192 टीबी के मरीज चिन्हित किए गए हैं। इसमें सरकारी अस्पतालों में चिन्हित मरीजों की संख्या 3881 तथा निजी स्वास्थ्य संस्थानों में चिन्हित मरीजों की संख्या 13,311 है।

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