बिहार में 250 से बढ़कर 1000 हुए वाहन प्रदूषण जांच केंद्र, अगले वर्ष 1000 और खुलेंगे नए केंद्र

पटना : बिहार में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। लगभग एक साल पहले तक राज्य में सिर्फ 250 वाहन प्रदूषण जांच केंद्र थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 1000 हो गई है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा नियमों में बदलाव किए जाने के बाद जिलों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। अगले साल 2021 में 1000 और नए वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे। परिवहन सचिव ने बताया कि विभिन्न जनोपयोगी सुविधाओं के साथ रोजगार सृजन विभाग की प्राथमिकता है। नए प्रदूषण जांच केंद्र खुलने से लोगों को रोजगार का एक विकल्प मिला है। वाहनों के प्रदूषण की जांच और आम लोगों की सहूलियत के लिए राज्य भर में पर्याप्त संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे। अधिक से अधिक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खुले और आम लोग भी केंद्रों को चला सकें इसके लिए बिहार मोटर नियमावली, 1992 के नियमों में संशोधन किया गया है।

हाईलाइट्स
– सभी प्रखंडों के साथ पेट्रोल पंप, सर्विस सेंटर और अन्य जगहों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की कार्यवाही की जाएगी।
– परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न जनोपयोगी सुविधाओं के साथ रोजगार सृजन विभाग की प्राथमिकता है।
– नए प्रदूषण जांच केंद्र खुलने से लोगों को रोजगार का एक विकल्प मिलेगा।
– चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों को भी दिया जा रहा बढ़ावा।
– प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी को डेलीगेट किया गया है पावर।
– वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने दी कई छूट।
– पूर्व में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल अभियंत्रण डिग्रीधारी/डिप्लोमाधारी का था प्रावधान, अब 12वीं पास भी चला सकेंगे वाहन प्रदूषण
जांच केंद्र।
– फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए ऑनलाइन जारी किया जा रहा प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट।

इंटर पास भी चला सकेंगे प्रदूषण जांच केंद्र
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अब इंटर (साइंस) पास व्यक्ति भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं। पूर्व में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल अभियंत्रण में डिग्रीधारी या डिप्लोमाधारी को ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर रखा जाना आवश्यक था, लेकिन वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की पर्याप्त संख्या में वृद्धि हो सके, इसके लिए इंटर या 12वीं कक्षा (विज्ञान के साथ) उत्तीर्ण व्यक्ति को वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर रखे जाने का प्रावधान किया गया है। अब प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए लाइसेंस लेने के लिए लोगों को पटना आने का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है। हर जिले के प्रखंडों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का लाइसेंस जिला परिवहन पदाधिकारी दे रहे हैं। पूर्व में यह अधिकार राज्य परिवहन आयुक्त के पास था।

हर प्रखंड में होगा प्रदूषण जांच केंद्र
हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे। इसके साथ ही पेट्रोल पंप, वाहन विक्रय केंद्र और सर्विस सेंटर में भी केंद्र खोलने के प्रोत्साहित किया जा रहा है। चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना के लिए भी प्रावधान किए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक वाहनों की जांच की जा सके। राज्य में अधिक से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हो सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले लाइसेंस, नवीकरण, आवेदन समेत अन्य शुल्क में कमी की गई है। साथ ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों का लाइसेंस या लाइसेंस का रिन्यूअल आसानी से हो सके इसके लिए ऑनलाइन शुल्क जमा करने की व्यवस्था की गई है।

वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए निर्धारित शुल्क
1. प्रदूषण जांच केंद्र की लाइसेंस जारी करने के लिए फीस – 5000 रुपए
2. प्रदूषण जांच केंद्र की लाइसेंस रिनुअल करने के लिए फीस अब 5000 रुपए
3. प्रदूषण जांच केंद्र की द्वितीयक लाइसेंस जारी करने के लिए पहले फीस- 500 रुपए
4. प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस निर्गमनध/नवीकरण करने हेतु आवेदन फीस- अब 1000 रुपए

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