पटना। गोलघर का गुल्लक, सम्राट अशोक, बुद्ध, चाणक्य, आर्यभट्ट आदि प्रमुख शख्सियतों के खिलौने, रामपुरवा बुल कैपिटल, वैशाली अशोक स्तंभ का मिनिएचर, महाबोधि मंदिर की प्रतिकृति, नालंदा सील का मोमेंटो और आरा हाउस की पेंटिंग। गुल्लक, खिलौने, सील, मिनिएचर आदि माध्यमों से पटना का एक स्टार्टअप योर हेरिटेज विरासत संजोने की पहल कर रहा है।
उद्योग विभाग, बिहार सरकार के स्टार्टअप बिहार योजना से प्रमाणीकृत योर हेरिटेज बिहार के विरासत स्थलों के संरक्षण का संदेश दे रहा है। योर हेरिटेज स्टार्टअप बिहार की विरासत स्थली से संबंधित अपेरेल्स, ज्वेलेरिज, मिनिएचर, मोमेंटोज, डेकोरेटिव- हाउसहोल्ड आइटम्स, फैशन एसेसरीज, फोटो फ्रेम्स, खिलौने आदि उपलब्ध करा रहा है।
हर स्वरूप में विरासत स्थलों के संरक्षण का संदेश
स्टार्टअप के फाउंडर डायरेक्टर रविशंकर उपाध्याय ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हम अपनी विरासत पर गर्व करें। आप अपने टीशर्ट पर एफिल टावर पहनें ही साथ में महाबोधि मंदिर, अशोक स्तम्भ, जलमंदिर, कैमूर और ककोलत को भी पहनें। हमारे-आपके घर के बच्चे डोरेमॉन से तो खेले ही साथ में चाणक्य, आर्यभट, बुद्ध, भिखारी ठाकुर, पंडित मंडन मिश्र की दुनिया से भी बावस्ता हो। आपके ड्राइंगरूम में पीसा की मीनार सजी हो तो एक फोटोफ्रेम मुंडेश्वरी मंदिर या सासाराम के मकबरे का भी हो। आप ताजमहल का मिनिएचर भी रखिए, इसके साथ में आपके घर में जलमंदिर, विक्रमशिला और शांति स्तूप का भी वास हो।
गोलघर के पास सजाया गुल्लक का स्टॉल
इस स्टार्टअप की निदेशक रचना प्रियदर्शिनी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि गिफ्ट में आप अपनी विरासत स्थली का प्रतिरूप ही अपनों को भेंट करें। हमारी इस कोशिश का परिणाम है कि हम गोलघर का गुल्लक लेकर आए हैं ताकि बच्चे 1786 ई में जॉन गार्सटीन द्वारा बनाए गए इस अनाजघर (ग्रैनरी) का गुल्लक का उपहार पाकर न केवल अपनी विरासत के प्रति सकारात्मक संज्ञान लें बल्कि अपनी बचत को संग्रह करने के लिए भी प्रेरित हों। इस कारण हमने गोलघर के पास गुल्लक का स्टॉल लगाया है ताकि जो बच्चे यहां पर गोलघर देखने आए वे अपने साथ गोलघर के प्रतिरूप को भी ले जाएं हम शीघ्र पटना के अन्य विरासत स्थलों के भी प्रतिरूप किसी न किसी रूप में लाएंगे ताकि वह बच्चों के बीच अपनी विरासत पर गर्व करना सिखाए। हम इसे बेहद पॉकेट फ्रेंडली कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं ताकि यह हर घर तक पहुंचे।