भारत की बड़ी उपलब्धि: अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण सफल, पूरा एशिया इसकी जद में

पटना : देश को बुधवार को बहुप्रतिक्षित उपलब्धि हासिल हुई। ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप पर अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण हो गया। अग्नि-5 का यह आठवां परीक्षण था। यह मिसाइल 5 हजार किलोमीटर दूर तक लक्ष्य साधक सकता है। यानी पूरा एशिया इसकी जद में है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अग्नि-5 को बनाया है। यह देश की पहली और एक मात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। यह देश की मौजूदा लंबी दूरा की मिसाइलों में से एक है। इसकी मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर है। साथ ही यह एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है। ये मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। इसका मतलब है कि यह एक साथ कई टारगेट के लिए लांच की जा सकती है।

आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा गति
अग्नि-5 की गति आवासी की स्पीड से 24 गुना ज्यादा है। यह अपने साथ डेढ़ टन न्यूक्लियर हथियार ले जा सकती है। इसके लांचिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस कारण यह आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। इसका पहला परीक्षण ओडिशा में 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। फिर जनवरी 2015 में पहला कैनिस्टर परीक्षण किया गया। इसके बाद मिसाइल को रोड मोबाइल लांचर से लांच किया गया। 10 दिसंबर 2018 को मिसाइल का 7वां टेस्ट किया गया। अग्नि-5 को 2020 में सेना में शामिल करने की तैयारी थी पर कोरोना के कारण देर हो गई।

पाकिस्तान की सबसे ज्यादा रेंज वाली मिसाइल से इसकी क्षमता दोगुनी
अग्नि-5 की मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर है। यह पाकिस्तान की सबसे अधिक क्षमता वाली मिसाइल की दोगुनी है। पाकिस्तान की शाहीन-2 मिसाइल की क्षमता 2500 किलोमीटर है। वहीं, चीन के पास सबसे अधिक क्षमता वाली मिसाइल है। उसकी मारक क्षमता 12000 किलोमीटर है।

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