पटना। कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। अभी तक जो ट्रेंड सामने आ रहा है उससे साफ है कि मुकाबला कोई भी जीते, लेकिन जीत और हार का अंतर कुछ हजार वोट का ही रहने वाला है। पहले और दूसरे राउंड की तुलना में सिर्फ भाजपा उम्मीदवार 1215 वोट से आगे चल रहे थे, जबकि पहले राउंड में 1999 वोट से आगे थे। ताजा खबर के अनुसार जदयू के मनोज कुशवाहा आगे चल रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार रिजल्ट का यह ट्रेंड दोनों गठबंधन के लिए अलर्ट करने वाली बात है। खास तौर पर आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में गठबंधन के सभी दलों को यह समझ लेना चाहिए कि अब पारंपरिक वोट बैंक भी किसी खास पार्टी नही होने वाली है। सभी दलों को अपने कोर वोट बैंक को बचाने के किए काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
दरअसल, कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जब महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर मनोज कुशवाहा मैदान में उतरे थे, तब महागठबंधन ने दावा किया था कि उसके पास एक मजबूत जातिगत समीकरण है जो बीजेपी पर भारी पड़ेगी। माना जा रहा था कि इस समीकरण में एमवाई और लव कुश के साथ-साथ महागठबंधन के साथ-साथ दलित और अति पिछड़ा वोटर साथ में हैं।
भाजपा-जदयू में किसका पलड़ा भारी?
पहले और दूसरे राउंड की तुलना में सिर्फ भाजपा उम्मीदवार 1215 वोट से आगे चल रहे थे। जबकि पहले राउंड में 1999 वोट से आगे थे। चैथे राउंड में भी बीजेपी के केदार गुप्ता ने बढ़त बनाई थी। केदार गुप्ता को 15493 वोट और मनोज कुशवाहा को 14552 वो मिले। चैथे राउंड में मुकेश सहनी की वीआईपी और एआईएमआईएम प्रत्याशी से ज्यादा नोटा पर वोट पड़े। इसके बाद 5वें राउंड में जेडीयू के मनोज कुशवाहा आगे निकल गए और 682 वोट से बढ़त बना ली। वहीं केदार गुप्ता को 18211 वोट मिले। मनोज कुमार को 18893 वोट मिले।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौर पर ललन सिंह दोबारा चुन लिए गए हो। लेकिन, इसकी आधिकारिक घोषणा 10 दिसंबर को राष्ट्रीय अधिवेशन में की जाएगी। 2 दिनों के राष्ट्रीय कार्यक्रम में 10 दिसंबर को राष्ट्रीय अधिवेशन जेडीयू के पटना कार्यालय के कर्पूरी सभागार में करेगा। वहीं, दूसरे दिन खुला अधिवेशन पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में किया जाएगा। इन दोनों मौकों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहेंगे। जदयू की राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। दैनिक भास्कर आपको इस अधिवेशन में किन-किन मसलों पर चर्चा होगी, वह बताएगा।