Covid-19: होम आइसोलेशन के बदले नियम, केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन की जारी

पटना : कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन में रहने के नियमों को बदल दिया गया है। अब केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों पर खास ध्यान दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी नई गाइडलाइन में कहा है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज अब बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा नहीं खाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि सोशल मीडिया पर बताई जाने वाली दवाइयां और घरेलू उपचार को मरीज नहीं अपनाएं। बिना डॉक्टरी सलाह के दवा लेने से उसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है। मंत्रालय ने गाइडलाइन में कहा कि डॉक्टर ही मरीज को बताएंगे कि उनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं या लक्षण रहित है। कोरोना संक्रमित का पूरा परिवार 14 दिन क्वारेंटाइन रहेगा। एक व्यक्ति इनकी देखरेख के लिए रहेगा। संक्रमित परिवार डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहेंगे। खासतौर पर 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले जिन्हें बीपी, मधुमेह, हार्ट, किडनी या अन्य गंभीर बीमारी है, वो डॉक्टर की सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रह सकेंगे। मरीज के संपर्क वाले सभी व्यक्ति डॉक्टर की सलाह पर एचसीक्यू खदवा खाएंगे।

दिन में कम से कम दो बार गरारे करें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही बुखार, सर्दी-खांसी, नाक बहने और अन्य परेशानियों पर नियमित तौर पर दवा लेते रहें। मरीज दिन में कम से कम दो बार गरारे करें और भाप लें। ताकि श्वास नलिका साफ रहे। दवा खाने के बावजूद बुखार नहीं उतरने पर डॉक्टरी सलाह लें। बुखार के लिए पैरासीटामॉल 650 एमजी दिन में चार बार खाएं। अगर, बुखार ठीक नहीं हो तब डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर की सलाह पर ही स्टेरॉयड का इस्तेमाल करें। कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार आइवरमेक्टिन दवा लें। बुखार और खांसी पांच दिन बाद भी रहने पर इन्हेलेशन से दी जाने वाली दवाएं ले सकते हैं।

रेमडेसिविर सिर्फ डॉक्टरों की निगरानी में लें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन में यह स्पष्ट कहा है कि कोई भी कोरोना मरीज डॉक्टर की निगरानी में ही रेमडेसिविल लें। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज तो बिल्कुल भी इसका इस्तेमाल नहीं करें। मुंह से खाने वाले स्टेरॉयड हल्के लक्षण में नहीं लेनी है। बुखार और खांसी के सात दिन बाद भी है तो डॉक्टर की सलाह पर स्टेरॉयड की हल्की डोज ले सकते हैं।

10 दिन बाद होम आइसोलेशन कर सकते हैं खत्म
मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार पहली बार लक्षण आने पर 10 दिन बाद मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। ऐसे में 10 दिन बाद मरीज अपना होम आइसोलेशन समाप्त कर सकते हैं। बिना लक्षण वाले मरीज भी अपना कोरोना सैंपल देने के बाद 10 दिन पूरे होने पर आइसोलेशन समाप्त कर सकते हैं, लेकिन ऐसे करने से तीन दिन पहले बुखार नहीं आना चाहिए।

हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा – होम आइसोलेट मरीजों को कैसे मिलेगा ऑक्सीजन
बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के उपाय और स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम पर पटना हाईकोर्ट सख्त है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार से फिर सवाल किया है। शुक्रवार की सुनवाई में हाईकोर्ट ने पूछा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की क्या योजना है? साथ ही होम आइसोलेट मरीजों को ऑक्सीजन कैसे मिलेगा? इस पर जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार से यह सवाल पूछे। जजों ने सरकार के मुख्य सचिव से सोमवार तक इस पर जवाब मांगे हैं। यह पूछा कि 18 साल से 45 साल की उम्र वालों को कब से कोरोना का टीका लगेगा?

ऑक्सीजन पर मुख्य सचिव ने दिया जवाब
हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पूछे गए सवाल पर मुख्य सचिव ने जवाब दिया कि सूबे में हर दिन 300 एमटी ऑक्सीजन की जरूरत है। यह सुनते जज ने कहा कि केंद्र सरकार से हर दिन का निर्धारित सौ फीसदी कोटे का ऑक्सीजन तो सरकार ही नहीं उठा पा रही है। जज ने कहा कि 300 एमटी ऑक्सीजन लेने से ज्यादा जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सजीन टैंकर की व्यवस्था की जाए।

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