साइबर हमले का अमेरिका शिकार, 200 कंपनियां को गिरफ्त में लेकर मांगी 520 करोड़ फिरौती

पटना : दुनिया का सबसे बड़ा साइबर अटैक हुआ है। इसका शिकार भी दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका बना है। यहां की 200 कंपनियों पर कोलोसल रेनसमवेयर हमला किया गया। हैकरों ने सबसे पहले फ्लोरिडा स्थित आईटी कंपनी कासिया को टारगेट किया। इसके बाद उन्होंने कंपनी के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर अन्य कंपनियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। हैकरों ने इन कंपनियों से 520 करोड़ की फिरौती मांगी है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक इस साइबर अटैक के पीछे रेविल रैंसमवेयर गैंग का हाथ है। इसके लिए उन्होंने अब डार्क वेब पर एक ब्लॉक लिखा है। इस ब्लॉक के मुताबिक हैकर्स ने 70 मिलियन डॉलर यानी 520 करोड़ रुपए मांगे हैं। गैंग ने लिखा है कि हमने 2 जुलाई को एमएसपी प्रोवाइडर पर साइबर हमला किया। कोई इस पर बातचीत करना चाहता है तो हमारा दाम 70 मिलियन डॉलर है। बता दें यह रकम बिटक्वाइन में मांगा गया है। हैकरों ने यह भी कहा है कि पैसे मिलने के बाद वे सार्वजनिक तौर पर डिक्रिप्टर पब्लिश करेंगे। इसकी मदद से साइबर अटैक की शिकार कंपनियां अपने फाइल को डिक्रिप्ट कर सकती हैं। अंत में हैकरों ने लिखा है कि अगर जल्द पैसे नहीं दिए गए तो फिरौती की रकम बढ़ती जाएगी।

बड़ी एमएसपी से 5 मिलियन डॉलर व छोटी कंपनियों से मांगे हैं 45 हजार डॉलर
हैकरों ने बड़ी एमएसपी से 5 मिलियन डॉलर और छोटी कंपनियों से 45 हजार डॉलर मांगे हैं। इधर, सोफोस में वाइस प्रेसिडेंट और सीआईएसओ रॉस मैककर्चर ने कहा कि 70 मैनेंजड सर्विस प्रोवाइडर इस हमले के शिकार हुए हैं। इनके अलावा 350 संस्थानों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। ये कंपनियां दुनिया भर में हैं पर ज्यादातर अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, यूके और कनाडा में स्थित हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने एफबीआई को मामले की जांच करने का आदेश दिया है।

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