मास्क पहनने इतना ही जरूरी है इसका रख-रखाव और रीसाइकल

सुमन शर्मा, दिल्ली
कोरोना वायरस (Coronavirus)जितनी तेजी से पूरी दुनिया में फैला है, उतना ही ज्यादा मास्क का इस्तेमाल हो रहा है। कोरोना वायरस इतनी जल्दी फैलता है कि बिना मास्क के कहीं भी जाए तो उतनी ही तेजी से फैलेगा, इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO)ने सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के साथ मास्क को भी जरूरी बताया है, इसलिए मास्क को पहनना अनिवार्य हो गया है। लेकिन, इन मास्क के कारण प्रदूषण का भी खतरा बढ़ रहा है। ज्यादातर लोग डिस्पोजल मास्क (Disposal mask) का इस्तेमाल कर रहे हैं। डिस्पोजल मास्क (Disposal mask) सिंगल यूज मास्क ( Single use mask) होता है। लोग इनको एक बार पहनकर इधर-उधर फेंक देते हैं। इनमें प्लास्टिक होता है। जिससे प्लास्टिक वैस्ट (Plastic waste) ज्यादा हो रहा है।

लोग पर्यटक स्थान पर मास्क को इधर-उधर फेंक रहे हैं, जिससे जल प्रदूषण बढ़ सकता है और जल-जीवन भी खतरे में आ सकता है। मास्क का इतना ज्यादा इस्तेमाल होना और फिर उनसे पर्यावरण पर नुकसान होना बहुत ही बड़ा चिंता का विषय है। कुछ देशों की सरकार ने नागरिकों को दोबारा इस्तेमाल होने वाले मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है। सरकार ने सलाह दी है कि अगर मास्क को इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसको इधर-उधर न फेंके और डस्टबिन का इस्तेमाल करें। डिस्पोजल मास्क (Disposal mask) को रीसायकल नहीं किया जा सकता है, इसलिए मास्क को डस्टबिन में डालें।

फेंका हुआ पीपीई किट और मास्क जानवरों के लिए भी खतरा
बात करें कुछ देशों की तो ब्रिटेन के पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ताओं ने पहले ही पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए मुहिम चला दी है। उनका कहना है कि हजारों-लाखों मास्क अभी से ही नदी-समुंद्र और सड़कों में दिखाई दे रहे हैं। जिससे जल-जीवन खतरे में आ सकता है और इसका असर मनुष्य के जीवन पर भी पड़ेगा। कोरोना में मास्क बहुत ही जरूरी है, लेकिन साथ में अपने वातावरण को भी हम खतरे में नहीं डाल सकते हैं, इसलिए लोगों से अनुरोध है कि दोबारा इस्तेमाल होने वाले मस्का का ही उपयोग करें। अब बात करते हैं भारत की तो यहां के लोगों ने कपड़े से बनाए हुए मास्क का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, यहां पर भी पीपीटी किट (PPT kit)और मास्क को इधर-उधर सड़कों पर फेंकने के बहुत मामले आए हैं। जिससे जानवरों पर भी खतरा बन रहा है। भारत में भी सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए अस्पतालों को आदेश दिया है कि वह इन वेस्ट मटेरिल को खुले में न फेंके। तो भारत सरकार से भी अनुरोध है की वह जनता को इन जरूरी मामलो के लिए जागरूक करे, जिससे भारत का पर्यावरण प्रदूषित होने से बच जाए। पर्यावरण सुरक्षित हम भी सुरक्षित।

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