Coronavirus Death in India-Bihar Aaptak

भारत में आधिकारिक आंकड़ों से छह गुना ज्यादा मौत, अबकी बार और भी भयावह हो सकती है स्थिति!

पटना। भारत में कोरोना के कहर ने एक बार फिर अपनी रफ़्तार पकड़ ली है। तीसरी लहर में अब देश में एक दिन में लगभग डेढ लाख मामले आने लगे हैं। दूसरी लहर में देश-दुनिया ने बहुत कुछ झेला है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि भारत में कोरोना वायरस के कारण होने वाली असल मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में छह गुना अधिक हो सकती है।

एक साइंस जर्नल में छपे अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि भारत में अब तक कोरोना के कारण लगभग 32 लाख मौतें हो चुकी हैं। वहीं, आधिकारिक तौर पर गुरुवार तक भारत में 4,83,178 मौतें दर्ज हुई हैं। बता दें कि इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स में मौतों की असल संख्या होने की बात कही गई है। दूसरी लहर के दौरान भी विदेशी मीडिया में खबरें आई थीं कि भारत में आधिकारिक मौतें कम दिखाई गई हैं, जबकि असल आंकड़े कुछ और ही हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में कोरोना के कारण हुई असल मौतों में से करीब 27 लाख (71 प्रतिशत) पिछले साल अप्रैल से जून के बीच हुई, जब डेल्टा वेरिएंट के कारण दूसरी लहर आई थी। इसमें भारत, कनाडा और अमेरिका के कई संस्थानों के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह अध्ययन किया है। टोरंटो यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के डॉ प्रभात झा और डार्टमाउथ कॉलेज के डॉ पॉल नोवोसेड भी शोधकर्ताओं में शामिल थे। इस अध्ययन में कहा गया है कि सरकारी आंकड़ों को अगर हम छोड़ दें तो मौतों का आंकड़ा भयावह हो सकता है।

कोरोना से हुई मौत पर इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 1.4 लाख लोगों के टेलिफॉनिक सर्वे, दो लाख सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और 10 राज्यों के नागरिक पंजीकरण प्रणाली से मौतों के आंकड़े जुटाए थे। अध्ययन के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के आंकड़ों की भी मदद ली गई थी।

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आधिकारिक आंकड़ों को देखें तो भारत में 10 लाख लोगों पर 345 मौतें हुई हैं, जो अमेरिका में कोरोना मृत्यु दर का सातवां हिस्सा है। भारत में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के अधूरे प्रमाणीकरण और इन मौतों के पीछे दूसरी बीमारियों का कारण बताने से असल संख्या सामने नहीं आ पाई है। इस अध्ययन के अनुसार अधिकतर मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई हैं, जो दर्ज नहीं हो सकीं।

पिछले साल जुलाई में एक अध्ययन में बताया गया था कि भारत में कोरोना वायरस महामारी के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 49 लाख तक हो सकती है। अमेरिका के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने यह अध्ययन किया था और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन इसके लेखकों में शामिल थे। अध्ययन में पिछले सालों में हुई कुल मौतों की महामारी के दौरान हुई कुल मौतों से तुलना करके आंकड़ा निकाला गया था।

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